Udaipur News: राजस्थान के उदयपुर संभाग के राजसमन्द के छोटे से गांव से निकली एक लड़की ने विश्व स्तर पर परचम लहरा दिया है. उसने एथलीट की एक प्रतिस्पर्धा में देश को 61 साल बाद मेडल दिलाया है. खिलाड़ी भावना जाट ने इंटरनेशनल रेस वॉकिंग में कांस्य पदक जीता है. भावना राजसमंद जिले के छोटे से कस्बे रेलमगरा की रहने वाली है. जिसने शुरुआत इसी गांव के ग्राउंड से की थी और आज विश्व स्तर पर परचम लहराया है.
भावना ने बढ़ाया मेवाड़ का मान
बेटी भावना जाट ने पिछले साल रांची में इंटरनेशनल रेस वॉकिंग में भाग लेकर 1 घंटा 29 मिनट 54 सेकेंड में 20 किमी की पैदल चाल में श्रेष्ठ प्रदर्शन किया था. यहीं से भावना का टोक्यो ओलिंपिक के लिए रास्ता तय हुआ. उसके बाद में रेस वॉकर भावना जाट ने एक बार फिर मेवाड़ का मान बढ़ाया है. उसने मस्कट के ओमान में हुई वर्ल्ड एथलेटिक्स रेस वाकिंग टीम चैंपियनशिप में भारत को कांस्य पदक दिलाया है.
2011 में चितौड़गढ़ का कर चुकी हैं प्रतिनिधित्व
भावना ने उदयपुर संभाग के चित्तौड़गढ़ जिले स्थित इंदिरागांधी स्टेडियम में वर्ष 2011 में जीवन के पहले राज्यस्तरीय टूर्नामेंट में भाग लेते हुए अपनी पहचान बनाई थी. खास बात यह कि तब भावना और उसकी टीम के लिए मैनेजर और पारिवारिक मेजबानी की भूमिका के लिए कोई आगे नहीं आ रहा था. फिर चित्तौड़गढ़ की शिक्षिका सुनीता त्रिपाठी ने ही साथ निभाया.
त्रिपाठी के पुत्र ब्रह्मपुरी कपासन निवासी उज्जवल दाधीच के अनुसार भावना ने ओमान वर्ल्ड एथलेटिक्स रेस वाकिंग टीम चैंपियनशिप में रवीना एवं मुदिता प्रजापति के साथ भारत का प्रतिनिधित्व किया और 61 साल बाद भारत को इसमें पदक मिला. इससे पहले भावना टोक्यो ओलंपिक में भी भाग ले चुकी है. ओलंपिक के बाद बेंगलूर में रहते हुए आगे के इवेंट की तैयारी में लगी हुई थी. राजसन्द जिले के काबरा जैसे छोटे गांव में सामान्य परिवार में जन्मी और चित्तौड़गढ़ से अपना कैरियर शुरू करने वाली भावना महिलाओं के लिए एक उदाहरण बनी है.
जब भावना का किसी ने साथ नहीं दिया था तो शिक्षिका सुनीता त्रिपाठी आगे आई थी. शिक्षक चंद्रप्रकाश शर्मा ने बताया कि पहली बार जब भावना राज्यस्तरीय टूर्नामेंट खेलना चाहती थी, तब उसके गांव या जिले राजसमंद से कोई भी महिला टीम मैनेजर बनकर आने को तैयार नहीं हुई थी. मेरी पत्नी शिक्षिका सुनीता त्रिपाठी ने यह जिम्मेदारी उठाई. जीवन के प्रथम राष्ट्रीय कैंप तक भी उसके साथ रही. इसी कारण भावना चित्तौड़ से अपना गहरा नाता.
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