Jodhpur News: भाई बहन के अटूट प्रेम के त्यौहार रक्षाबंधन के मौके पर भाइयों की कलाई सूनी ना रहें, इसलिए राखियों की खरीदारी में बहनें जुट गई हैं. बाजार में कई तरह की रंग बिरंगी आर्टिफिशियल और चांदी से बनी राखियां बिक्री के लिए दुकानों में सज गई हैं. राखी की खरीदारी को लेकर बाजार में रौनक बढ़ गई है. हर बार की तरह इस बार की तरह मार्केट में कुछ नई डिजाइन की राखियां बनाई गई हैं. चंद्रयान-मोदी-योगी राखी का गजब का क्रेज देखा जा रहा है. रक्षाबंधन के त्यौहार में मोदी के साथ इस बार चंद्रयान की राखी का जादू जमकर चल रहा है.


चंद्रयान, मोदी और योगी राखी की मांग


राखी की बिक्री करने वाले होलसेल दुकान के मालिक किशन गहलोत ने बताया कि रक्षाबंधन के त्यौहार को लेकर बाजारों बढ़ गई है. बाजारों में दुकानों पर तरह-तरह की राखियां सजी नजर आ रही हैं. बहने अपने भाई के लिए खरीदारी कर रही हैं. हमारे यहां पर 3000 तरह की अलग-अलग वैरायटी की राखियां उपलब्ध हैं. प्रतिवर्ष हम उनमें नई डिजाइनें भी तैयार करते हैं. इस वर्ष रक्षाबंधन पर चंद्रयान, मोदी जी, योगी जी की राखियां बिक्री के लिए बनाई गई हैं. इन राखियों की काफी डिमांड है. हमारे यहां पर देवी देवताओं की प्रतिमा की भी राखियां उपलब्ध हैं. इनकी कीमत एक रुपये से 300 रुपये तक है. 


भाई की कलाई पर सजेंगे मोदी-योगी  


राखी खरीदने आई रक्षिता ने बताया कि बाजार में आते ही कई तरह की राखियां नजर आ रही हैं.उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और चंद्रयान-3 की राखी भी काफी अच्छी लग रही है. मैं अपने भाई प्रणव की कलाई पर वही राखी बांधूंगी. जिससे भाई के जीवन में खुशहाली और तरक्की मिले. मेरी नजर में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ हैं, जो देश की रक्षा भी कर रहे हैं और उन्नति भी कर रहे हैं.


महिलाओ को मिलता है रोजगार


रक्षाबंधन के त्यौहार के लिए हजारों डिजाइन की राखियां बाजार में पहुंच रही हैं. यह राखियां पूरे साल भर बनती है और मात्र एक दिन में ही बिक जाती हैं. राखी बनाने की मजदूरी करने वाली सोनिया ने बताया कि यह पार्ट अभी जॉब है. हम हमारे घर के सभी काम करने के बाद इस काम को कर लेते हैं. इससे रोजाना 300-400 की कमाई हो जाती है. इससे हाथ खर्च निकल जाता है.


ये भी पढें


Rajasthan Politics: राजस्थान के आठ जिलों के बीजेपी अध्यक्ष बदले गए, जानें क्या है चुनाव से पहले इस बदलाव के मायने