Ram Mandir Inauguration: 1000 टन से ज्यादा रेत और कई घंटों की कड़ी मेहनत, पुष्कर में बालू से बना दिया अनोखा राम मंदिर
Ram Mandir Pran Pratishtha: रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से लोग अलग-अलग तरह से जुड़ रहे हैं. ऐसी ही एक कोशिश राजस्थान के अजमेर में भी देखने को मिली है. यहां श्रद्धालु ने अपनी कला राम के नाम अर्पित की है.
Rajasthan Ram Tempal: एक तरफ जहां अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर तैयारियां हो रही हैं. वहीं राजस्थान में भी इसका पूरा असर दिखाई दे रहा है. अजमेर जिले के पुष्कर के एक सैंड आर्टिस्ट ने सबसे बड़े राम मंदिर की कलाकृति बनाई है. जिसे पिछले एक महीने से बनाया जा रहा था. सैंड आर्टिस्ट अजय रावत ने बताया कि पिछले एक महीने से सैंड पार्क में वो मंदिर की कलाकृति बना रहे थे. हर दिन इसपर उन्होंने दो से चार घंटे काम किया और इसमें 1000 टन से ज्यादा रेत काम में लाई गई.
अजय बताते हैं कि इसके पहले उन्होंने कई मंदिर और कलाकृतियां बनाई हैं. पिछले 12 सालों से वो इस काम में हैं और वो लगातार इस तरह का काम कर रहे हैं. राम मंदिर को लेकर बनाई गई अजय की इस कलाकृति की चर्चा सोशल मीडिया पर भी खूब हो रही है. उन्होंने बताया कि राम मंदिर की कलाकृति बनाने में उन्हें हर दिन काम करना पड़ा है. वो अभी तक एक हजार से ज्यादा कलाकृतियां बना चुके हैं.
रेत से कलाकृति बनाने का काम अजय रावत बहुत छोटी उम्र से ही करते चले आ रहे हैं. उनका कहना है कि वो राज्य के रेतीले धोरों की कला को विश्व पटल पर पहचान दिलाना चाहते हैं. वो कहते हैं कि इसके लिए मुझे बहुत संघर्ष करना पड़ रहा है लेकिन मैं हार नहीं मानूंगा. मैं पिछले 12 सालों से यही कर रहा हूं. इस दौरान कई ऐतिहासिक बालू (रेत) कलाकृतियां बना भी चुका हूं. स्वयं के स्तर पर पुष्कर में सैंड आर्ट संस्थान और नेशनल सैंड आर्ट पार्क का संचालन करने वाले अजय अपनी तरह के प्रदेश के एकमात्र कलाकार हैं. अजय रावत गांव गनहेड़ा पुष्कर अजमेर के रहने वाले हैं.
10 जनवरी को जब मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने पुष्कर का दौरा किया था तब वहां पर अजय रावत ने मुख्यमंत्री और जल संसाधन मंत्री सुरेश रावत को उनका बालू रेत पर चित्र बनाकर तस्वीर भेंट कर स्वागत किया था. इसके साथ ही राजस्थान में बालू रेत कला के विकास में सहयोग का निवेदन भी किया था.