Pushya Nakshatra 2022: भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव चैत्र शुक्ल नवमी 10 अप्रैल 2022 को रवि-पुष्य नक्षत्र के शुभ और दुर्लभ संयोग में आ रहा है. चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि 10 अप्रैल को रविवार के दिन पुष्य नक्षत्र सुकर्मा योगबालव करण और कर्क राशि के चंद्रमा की साक्षी में आ रही है. रविवार के दिन पुष्य नक्षत्र आने से सर्वार्थसिद्धि योग का निर्माण होगा. पुष्य नक्षत्र को पुष्ट करने वाला माना जाता है. इसलिए इस नक्षत्र में जो कार्य प्रारंभ किया जाते हैं वह पुष्ट होकर उसमें आगे से आगे वृद्धि और शुभ फल देते है.


वाहन, भूमि खरीदना है शुभ
पंडित सुरेश श्रीमाली बताते हैं कि इस बार पुष्य नक्षत्र पूरे दिन-रात रहेगा. इसलिए यह दिन और भी अधिक विशेष बन गया है. राम नवमी का दिन चैत्र नवरात्रि का अंतिम दिन भी होता है. रवि-पुष्य के संयोग से इस दिन खरीदी का महामुहूर्त भी बना है. इसलिए इस दिन वाहन, भूमि, भवन, आभूषण खरीदने के लिए बहुत ही शुभ हैं.


अगर आप इस विशिष्ट योग, नक्षत्र में शास्त्रोक्त पाठ द्वारा भगवान राम की पूजा आराधना करते है तो आपको मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी. रविपुष्य नक्षत्र अपने आप में बहुत बड़ा महुर्त है. रामनवमी के साथ रवि पुष्य नक्षत्र होने से बहुत प्रचंड और शक्तिशाली योग बना है और इस समय किए गए प्रयोग आपको शुभ फल देते है. सोने पे सुहागा लाभ देता है. बड़ी से बड़ी तामसिक शक्तियों को नष्ट करने की क्षमता रखता है. इस महुर्त में कितनी बड़ी तंत्र बाधा हो, व्यापार बाधा हो, नौकरी में किसी प्रकार की बाधा आ रही हो, परिवार में कोई कलेश चल रहा हो, शत्रु परेशान कर रहे है, कोई व्यक्ति आपके कार्य को पूरा नहीं होने दे रहा है ऐसी जितनी भी तामसिक परेशानियां को दूर करने की शक्ति रवि पुष्य नक्षत्र में होती है.


कर लें विशेष प्रयोग 
सुबह नहा धोकर पूर्व दिशा में मुंह करके सोने का कोई भी आभूषण को कच्चे दूध से धो कर कटोरी में रख दें. उस पर लाल पुष्प अर्पित कर अस्तगंध से तिलक करें और मंत्र का एक माला जाप करे. मंत्र दीपक आप डाल देना. इस प्रयोग से आपकी किसी भी प्रकार की समस्या हो तुरंत दूर हो जाएगी.


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