Ramadan 2023: देश में रमजान का चांद दिख गया है और साथ ही रमजान का पवित्र महीना शुक्रवार 24 मार्च, जुमे के दिन से शुरू होने जा रहा है. गुरुवार को देशभर में लोगों ने चांद का दीदार किया. माह-ए-रमजान की शुरुआत शुक्रवार को होने से जुमे की नमाज उत्साह से अदा की जाएगी. रमजान को लेकर शहर से गांव तक तैयारियां जोरों पर हैं. खासकर मस्जिदों में विशेष तैयारियां की जा रही हैं. घरों में रोजा करने को लेकर हर कोई उत्साहित है. शहरी और इफ्तारी की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं.
तरावीह को लेकर तैयारियां पूरी
मुफ्ती-ए-आजम राजस्थान मुफ्ती शेर मोहम्मद खान साहब ने बताया कि गुरुवार 23 मार्च को चांद दिखने के साथ ही मस्जिदों में तरावीह की नमाज शुरू हो गई है. तरावीह को लेकर मस्जिदों में हाफिज ने तैयारियां पूरी कर ली हैं. चांद दिखने के साथ ही मस्जिदों में हाफिज पहुंच रहे हैं. अधिकतर मस्जिदों में पूरे महीने तरावीह की नमाज अदा होगी.
पहला जुमा 24 मार्च को
जानकारी के अनुसार, रुयते हिलाल कमेटी की मीटिंग हुई. पहले हम लोग कुछ चांद देखने की कोशिश करते हैं. जब चांद नजर नहीं आता तो मुल्क के मुख्तलिफ इलाकों से राब्ता कायम करते हैं. इसके बाद उलेमा-ए-इकराम का संयुक्त रूप से फैसला लिया जाता है. इस बैठक में फैसला किया गया था कि बुधवार को रमजान का चांद नहीं नजर आया था. गुरुवार चांद की 30 तारीख रहेगी. नमाजे ईशा नमाज के बाद तरावीह शुरू हो जाएगी. और 24 मार्च के पहले जुमे को पहला रोजा होगा.
जानें क्या है रोजे का महत्व
रोजा रखने के लिए सूर्योदय से पहले सहरी होती है, जिसमें दूध, फल या अन्न से बनी चीजें खाई जाती हैं. सहरी के बाद दुआ पढ़ी जाती है और फिर रोजा शुरू होता है. सूर्य ढलने तक रोजेदार एक बूंद पानी भी नहीं पीते. रोजा रखने के दौरान रोजेदार दिनभर भूखे-प्यासे रहकर अपनी इच्छाओं पर काबू पाते हैं. रोजा गरीबों और जरूरतमंदों के दुख-दर्द और भूख-प्यास का अहसास कराता है.
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