Ramadan 2023 Special Sewai: मुस्लिम समुदाय का अभी सबसे पाक रमजान (Ramadan) माह चल रहा है. इसका गुरूवार को 14वां रोजा था. 22 अप्रैल को ईद (Eid) मनाई जाएगी. सभी जानते हैं कि ईद के दिन सभी एक दूसरे के घर जाते हैं और बधाइयां देते हैं. इस त्यौहार में घर आने वाले मेहमानों को कई तरह के व्यंजन परोसे जाते हैं. सभी व्यंजनों में खास है सेवई (Vermicelli). इसके बिना मानो त्यौहार अधूरा सा लगता है.
ईद पर है सबसे खास
ईद के लिए अधिकतर परिवार बाजार से खरीद कर सेवइयां लाते है. अब सेवई की बात कर रहे हैं तो उदयपुर की रजिया बानो की सेवई काफी फेमस है. फेमस इतनी कि अरब देशों तक इसकी डिमांड है. रजिया बानो अपनी बेटी के साथ ही सेवई बनाती हैं. ज्यादातर बोहरा समुदाय के लोग इनसे सेवई खरीदते हैं. ये लोग इसे अरब देश सहित अफगानिस्तान तक ले जाते हैं. रजिया उदयपुर शहर के खेरादिवाड़ा क्षेत्र में रहती हैं. आइये जानते हैं, क्या खासियत है इनकी सेवई की.
हाथों से बनाती हैं सेवइयां
रजिया बानो से एबीपी ने उनकी सेवई के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि ज्यादा मात्रा में सूजी और कम मात्रा में मैदा लेते हैं. उन्होंने बताया कि जिस तरह से आंटा गुथा जाता है, वैसे ही इसे भी गूथते हैं. लेकिन, इस आटे को सेवई बनाने से 8-10 घंटे पहले गूथकर रखा जाता है. मैं सुबह 9 बजे से बनाना शुरू करती हूं तो एक रात पहले गूथकर रख देती हूं. फिर सुबह बनाना शुरू करती हूं. यह सेवई हाथों से बनाई जाती है. आटे में से एक-एक सेवई को धागे जैसे निकालते हैं.
बाल जितनी होती हैं पतली
रजिया बानो ने बताया कि यह सेवई बाल जितनी पतली होती हैं. इसके बाद इन्हें सुखाने के लिए रखते हैं. उन्होंने बताया कि वे हर दिन 3 घंटे तक सेवई बनाती हैं. इसमें 10-12 किलो तक सेवई तैयार हो जाती है. उनकी सेवई एक ही दिन में निकल जाती है. रजिया बानो एक किलो सेवई 250 रुपए में बेचती हैं. उन्होंने बताया कि लोग यहां से सेवई इकट्ठी अरब देशों में ले जाते हैं.
बाजार से अलग कैसे है इनकी सेवई
बाजार से यह हाथों से बनाई सेवई अलग कैसे है, इसका जवाब रजिया ने दिया कि मैं बनाकर सूखती हूं और फिर इसे बेकरी में पकाने के लिए भेजती हूं. पांच किलो भेजती हूं तो बेकरी से आधा किलो कम यानी साढ़े 4 किलो आती हैं. बाजार में मिलने वाली सेवई को अगर दो बार उबाल दो तो वह आटे जैसी हो जाती हैं, लेकिन हाथों से बनाई यह सेवई बिल्कुल खुली की खुली रहती हैं.
वह बताती हैं कि रमज़ान के मौके पर उन्हें पहले से ऑर्डर आना शुरू है. अरब देशों में रहने वाले लोग खास तौर पर उनकी सेवई खाना पसन्द करते हैं. कुवैत, पाकिस्तान, कजाकिस्तान, ईरान और सऊदी अरब तक रहने वाले लोग मंगवाते हैं. उन्होंने बताया कि करीब 22 वर्ष पहले उनके पति का निधन हो गया था .इसके बाद मजबूरी में घर खर्च चलाने और बच्चों को बड़ा करने के चलते सेवई बनाना शुरू किया था, जो आज उन्हें एक पहचान दिला चुका है.
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