Ramcharitmanas Controversy: इन दिनों देश में सनातन धर्म ग्रंथों के अपमान और धार्मिक आस्थाओं से खिलवाड़ करने का मामला गर्माया हुआ है. धर्म और जातियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप के दौर जारी हैं. सड़कों पर आक्रोश प्रदर्शन भी किए जा रहे हैं. इस बीच अंतर्राष्ट्रीय रामस्नेही संप्रदाय के जगद्गुरु श्री श्री 1008 रामदयाल महाराज (Ramdayal Maharaj) का बयान आया है. उन्होंने धर्म संस्कृति को लेकर की जा रही टिप्पणियों को लेकर नाराजगी जताई है.


गिरफ्तार कर सख्त कार्रवाई की मांग
भीलवाड़ा (Bhilwara) में मीडिया से बातचीत में जगद्गुरु रामदयाल महाराज ने देश में रामचरित मानस ग्रंथ को लेकर छिड़े विवाद पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा, "भगवान राम जन-जन के आराध्य हैं. रामचरित मानस (Ramcharitmanas) सनातन धर्म का एक पावन ग्रंथ है. राजनीति करने वाले भूल जाते हैं कि राज के अंदर नीति, धर्म अपने आप विद्यमान है. नीति, धर्म, संस्कृति और संत को अलग रखकर राज करना अगर संभव होता तो राजतंत्र का हश्र नहीं होता. इतिहास गवाह है कि पहले भी जिसने राम, धर्म, संस्कृति और राष्ट्र के खिलाफ कदम उठाए हैं उनको अंजाम भुगतने पड़े हैं, चाहे वो कोई भी हो. अब भी न समाज उन्हें माफ करेगा और न प्रजातंत्र से वो माफ करने योग्य होंगे. उन्होंने सरकार से धार्मिक ग्रंथ पर गलत बयान देने वालों को तुरंत गिरफ्तार करने और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है."


'संत क्रांतिकारी बिगुल बजाएंगे'
रामदयाल महाराज ने कहा, "अभी संत समाज सारी बातों का अध्ययन कर रहा है. जल्द ही रणनीति बनाकर संत क्रांतिकारी बिगुल बजाएंगे और समाज में व्याप्त विकृति का अंत करेंगे. सनातन धर्म ग्रंथों का अपमान करने वालों के खिलाफ सड़कों से लेकर कोर्ट तक लड़ने को तैयार हैं." उन्होंने बागेश्वर धाम (Bageshwar Dham) के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra Krishna Shastri) का समर्थन करते हुए कहा कि उनके खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर षड्यंत्र रचा जा रहा है. इस साजिश के खिलाफ दिल्ली में जंतर मंतर पर धरना प्रदर्शन चल रहा है और उसी के लिए जागृति अभियान शुरू किया है.


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