रामगढ़ उपचुनाव: कांग्रेस में सबको एकजुट करने की कोशिश, BJP पुरानी रणनीति से हटकर लड़ रही चुनाव
Rajasthan RajasthanBy Election राजस्थान की रामगढ़ सीट पर वोटिंग है. बीजेपी-कांग्रेस ने बड़े नेता उतारे हैं. कांग्रेस के लिए चुनौती सभी को एकजुट रखना है, जबकि बीजेपी को 12 हजार के अंतर को पाटना है.
Ramgarh Assembly By Election 2024: राजस्थान में अलवर जिले की रामगढ़ विधानसभा सीट पर 13 नवंबर को वोटिंग होगी. जयपुर से रामगढ़ की दूरी 170 किलोमीटर है. मगर, वहां पर जयपुर से जाने वाले नेताओं की लंबी लाइन लगी है. बीजेपी ने अपने सभी दिग्गजों को मैदान में उतार दिया है. वहीं, कांग्रेस ने नेता प्रतिपक्ष के साथ वहां की पूर्व मंत्री शकुंतला रावत, भरतपुर की सांसद संजना जाटव और अन्य नेताओं को उतार दिया है. कल कांग्रेस कार्यालय का उद्घाटन था, जिसमें टीकाराम जूली और अन्य दिग्गज नेता मौजूद रहे.
वहीं, बीजेपी के नेताओं का आज से दौरा शुरू होने वाला है. कांग्रेस के मुसीबत यह है कि उन्हें सभी को एकजुट करना है. क्योंकि, रामगढ़ में कांग्रेस प्रत्याशी आर्यन जुबैर के बड़े भाई आदिल जुबैर के नाराज होने की चर्चा है. वहीं, बीजेपी से नाराज जय आहूजा अब बीजेपी खेमे में लौट आये हैं.
वोट प्रतिशत नहीं अधिक मत की दरकार
रामगढ़ में दो चुनाव को देखा जाए तो बहुत वोटों के अंतर् से हार जीत हो रही है. खासकर, उपचुनाव में कांग्रेस को 12 हजार वोटों से जीत मिली थी. बीजेपी उस गैप को भरने में लगी है. वहीं, कांग्रेस दलित मतों को एकजुट करने में लगी है. चूंकि, दलित वोटर्स ही निर्णायक भूमिका में दिख रहे है. वहीं, सुखवंत के साथ भी बड़ी संख्या में दलित मतदाता हैं.
बीजेपी के नेताओं का कहना है कि इस बार चुनाव जीतने के लिए सबसे बेहतर माहौल है. सारे समीकरण यहां पर पक्ष में है. केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने यहां की एक तरह से कमान संभाल रखी है. दोनों तरफ 15 हजार मत प्लस करने की कोशिश तेज है.
गुर्जर मतदाता अभी स्पष्ट नहीं
रामगढ़ विधानसभा सीट पर गुर्जर मतदाता अभी साफ़ तौर पर कुछ कह नहीं रहे. मगर, कुछ का कहना है कि सचिन पायलट के साथ अच्छा नहीं हुआ है. इसलिए इस बार चीजें साफ़ नहीं है. वहीं, रामनगर में मूर्ति बनाने वालों का कहना है कि इस बार मुद्दों पर मत पड़ेंगे.