Kota News: अयोध्या (Ayodhya) में बड़ा भक्तमाल आश्रम (Bada Bhaktmal Ashram) में भगवान को अर्पित किए जाने वाले 51 तोले सोने के दो मुकुट कड़ी पुलिस सुरक्षा में रविवार (8 अक्टूबर) को कोटा (Kota) से रवाना हुए. इससे पहले पूर्व संत अवधेश कुमाराचार्य ने बताया कि अगले महीने नवंबर में भव्य आयोजन के दौरान ये मुकुट ठाकुर जानकी बल्लभ लाल जी को अर्पित किए जाएंगे. उन्होंने बताया कि 24 नवंबर से शुरू होने वाले वाले तीन दिवसीय आयोजन के दौरान 25 नवंबर की शाम को गोरक्ष पीठाधीश्वर और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) मुकुट धारण करवाएंगे.


रामधाम कोटा और अयोध्या स्थित बड़ा भक्तमाल के पीठाधीश्वर आचार्य अवधेशकुमार ने बताया कि केकड़ी से पांच कारीगरों ने यहां डेढ़ महीने में इन दो मुकुटों को तैयार किया है. इनका आकार एक गुणा एक फीट है. इनमें विशेष हीरा लगाया जाएगा. इससे पहले यहां साढ़े तीन किलो चांदी के मुकुट धारण हैं. आचार्य ने बताया कि भगवान राम 14 साल के वनवास के बाद जब अयोध्या लौटे थे, तब उन्हें राजतिलक के समय मुकुट धारण करवाया गया था. ठीक वैसा ही चंद्रिका शैली का मुकुट उनके लिए बनवाया जा रहा है. 
 
 40 लाख है मुकुट की कीमत
आचार्य अवधेशकुमार ने बताया कि वाल्मीकि रामायण में उल्लेख के अनुरूप इस मुकुट में लताएं और अन्य चित्रण क्रमबद्ध है. रामधाम में सावन के अंतिम सोमवार को भगवान भोलेनाथ को 12 किलो चांदी से बने आभूषण जिनमें मुकुट, कुंडल शामिल हैं, धारण कराए जाते हैं. इसकी कीमत 40 लाख है और इसे जन सहयोग से बनाया गया है. इस मुकुट पर सनातन संस्कृति और प्रकृति को संजोया गया है. गौरतलब है कि अयोध्या में रामलला का भव्य मंदिर बनाया जा रहा है. 


भव्य राम मंदिर के लिए युद्धस्तर पर काम जारी
बता दें, राम मंदिर के निर्माण से संबंधित सभी योजनाएं साल 2025 तक पूरी कर ली जाएंगी. नए साल यानि साल 2024 में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी. बीते दिनों मंदिर ट्रस्ट ने बताया था कि 5 फरवरी 2020 से लेकर 31 मार्च 2023 तक मंदिर के निर्माण सहित अन्य कामों पर करीब 900 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं. फिलहाल भव्य राम मंदि के निर्माण कार्य युद्धस्तर पर जारी है. मंदिर का काफी हद तक स्वरुप उभरकर सामने आने लगा है. 


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