राजस्थान में ग्रामीणों ने किया हमला, रणथंभौर बाघ अभयारण्य के पास टाइगर T-86 की मौत
Ranthambore National Park: राजस्थान के रणथंभौर अभयारण्य के पास ग्रामीणों ने एक 12 साल के बाघ को मार डाला. इसकी पहचान 'टी-86' के रूप में हुई. बाघ पर कुल्हाड़ी और पत्थरों से हमला किया गया.
राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले में स्थित विख्यात रणथंभौर बाघ अभयारण्य के पास ग्रामीणों ने एक बाघ को मार डाला. एक अधिकारी ने बताया कि इस बाघ की पहचान ‘टी-86’ के रूप में हुई है. अधिकारी के अनुसार अभयारण्य के पास उलियाना गांव में ग्रामीणों ने 12 वर्षीय इस बाघ को इस संदेह में मार डाला कि यह वही जानवर है जिसने 51 वर्षीय व्यक्ति का शिकार किया था.
अधिकारी ने बताया कि रविवार दोपहर उलियाना में एक मृत बाघ मिला जिसके शरीर पर हमले के निशान थे. रणथंभौर बाघ अभयारण्य (आरटीआर) के क्षेत्रीय डायरेक्टर अनूप के.आर. ने कहा, ‘‘फिलहाल बाघ का पोस्टमार्टम किया जा रहा है.’’ एक अन्य वन अधिकारी ने कहा कि ‘टी-86’ के चेहरे पर चोट के निशान बताते हैं कि उस पर कुल्हाड़ी जैसी धारदार चीज से हमला किया गया और पत्थर फेंके गए.
20 से अधिक ग्रामीणों ने किया हमला
उन्होंने बताया कि एक पुराने घाव से संकेत मिलता है कि संभवत: वह किसी अन्य बाघ के साथ लड़ाई में घायल हुआ होगा. उन्होंने कहा कि करीब 20 से अधिक ग्रामीणों ने रविवार दोपहर ‘टी-86’ पर हमला किया, जिससे उसकी मौत हो गई. अधिकारी ने बताया कि बाघ बूढ़ा था और दूसरे बाघ के साथ संघर्ष में घायल हो गया था और वन विभाग की निगरानी में था.
उन्होंने बताया कि मृत बाघ उसी स्थान पर मिला जहां एक दिन पहले 51 वर्षीय भरतलाल का शव मिला था. उन्होंने बताया कि बाघ ने बकरियां चराने गए भरतलाल पर हमला कर दिया था जिससे उसकी मौत हो गई.
टाइगर टी-8 14 साल का हो गया है
रणथंभौर नेशनल पार्क में बाघ टी-86 काफी मशहूर था. उसका जन्म 14 साल पहले बाघिन लाडली टी-8 से हुआ था. टी-86 टाइगर ज़ोन 1 और 2 में रहता था, लेकिन क्षेत्रीय लड़ाई के कारण इसे गैर-पर्यटक क्षेत्रों में ले जाया गया. मौत का कारण मानव-वन्यजीव संघर्ष माना जा रहा है.
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