Rajasthan News: जेल से बाहर आने के लिए आसाराम कई हथकंडे आजमा चुके हैं, लेकिन हमेशा आसाराम (Asaram) को निराशा ही हाथ लगी है. आज एक बार फिर राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High court) में आसाराम शिल्पी वसंत चंद की ओर से सजा के खिलाफ पेश की गई स्थगन याचिका सहित अन्य अपीलों पर सुनवाई होनी है. बता दें कि अपने ही गुरुकुल की नाबालिग छात्रा के साथ यौन शोषण के अपराध में पिछले 9 साल से भी अधिक समय से जोधपुर सेंट्रल जेल में अंतिम सांस तक कठोर कारावास की सजा काट रहे हैं.
याचिका पर जल्द सुनवाई के लिए बताए ये कारण
आसाराम ने अपनी उम्र का हवाला देते हुए जल्द सुनवाई करने की मांग की थी. आसाराम की ओर से दाखिल याचिका कहा गया है कि उसकी उम्र 85 साल से अधिक हो चुकी है और कई तरह की बीमारियां भी है. साथ ही निचली कोर्ट से सुनाई गई सजा को गलत बताते हुए सजा स्थगन की याचिका में मांग की गई है.
गौरतलब है कि आसाराम को 31 अगस्त, 2013 को जोधपुर पुलिस छिंदवाड़ा आश्रम से गिरफ्तार करके लेकर आई थी. तभी से आज तक आसाराम जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद हैं. आसाराम के इस मामले में लगातार चली लंबी सुनवाई के बाद एससी—एसटी कोर्ट एवं पॉक्सो कोर्ट के जज मधुसूदन शर्मा ने 25 अप्रैल 2018 को फैसला सुनाते हुए कहा था कि आसाराम को आखिरी सांस तक जेल में रहना होगा. उसके बाद आसाराम ने अधीनस्थ न्यायालय से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक सभी न्यायालय में जमानत के प्रयास किए, लेकिन सफलता कभी भी हाथ नहीं लगी. अब आसाराम की आशाएं, एक बार फिर आज होने वाली सजा के खिलाफ अपील की सुनवाई पर टिकी है. आसाराम की सहयोगी शिल्पी और शरदचन्द्र को 20-20 साल की सजा सुनाई थी.अभी दोनों जमानत पर बाहर हैं.
ये है पूरा मामला
दरअसल, आसाराम के छिंदवाड़ा गुरुकुल में पढ़ने वाली एक नाबालिग छात्रा ने आरोप लगाया था कि पंद्रह अगस्त 2013 को आसाराम ने जोधपुर के मणाई गांव में स्थित एक फार्म हाउस में उसका यौन उत्पीड़न किया. 20 अगस्त 2013 को पीड़िता ने अपने परिवार के साथ दिल्ली के कमला नगर पुलिस थाने में आसाराम के खिलाफ मामला दर्ज कराया. जोधपुर का मामला होने के कारण दिल्ली पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर जांच करने के लिए उसे जोधपुर भेजा. जोधपुर पुलिस ने आसाराम के खिलाफ नाबालिग का यौन उत्पीड़न करने का मामला दर्ज किया. जोधपुर पुलिस 31 अगस्त, 2013 को इंदौर से आसाराम को गिरफ्तार कर जोधपुर ले आई. उसके बाद से आसाराम लगातार जोधपुर जेल में ही बंद है. 25 अप्रैल 2018 में ट्रायल कोर्ट ने आसाराम को दोषी करार देते हुए मरते दम तक जेल में रहने की सजा सुनाई थी. आसाराम 20 से अधिक बार जमानत हासिल करने का प्रयास कर चुका है, लेकिन हर बार उसकी याचिका खारिज कर दी गई.
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