Jodhpur News: अपने ही गुरुकुल की नाबालिग छात्रा से यौन शोषण के मामले में अंतिम सांस तक कठोर कारावास की सजा भुगत रहे. आसाराम के समर्थकों का कहना है कि 10 साल पहले 31 अगस्त 2013 को उन्हें गिरफ्तार किया गया था. इस मामले में लंबी सुनवाई चली उसके बाद उन्हें सजा दी गई 76 वर्ष की उम्र में आसाराम को गिरफ्तार किया गया था. अब उनकी उम्र 86 वर्ष हो गई है. उन्हें एक बार भी ना जमानत मिली और ना ही पैरोल मिली है.
आसाराम के समर्थक बम बम ठाकुर ने जोधपुर में प्रेस वार्ता करते हुए बताया कि हमारे लिए यह काला दिवस है. क्योंकि हमारे बापू आसाराम को एक साजिश के तहत गिरफ्तार किया गया था. बम बम ठाकुर ने यह भी आरोप लगाया कि आसाराम को जेल में उचित उपचार भी नहीं मिल रहा है. हाल ही में जेल में गिरने के बाद उन्हें उपचार के लिए बाहर नहीं लाया गया. वहीं 10 साल में एक बार भी उन्हें पैरोल नहीं मिली है. जबकि देश के प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्यारों को पैरोल दी जा चुकी है.
एक दशक में एक दिन भी आसाराम को राहत नहीं मिली
बमबम ठाकुर ने बताया कि नाबालिग के साथ यौन शोषण के मामले में 10 सालों में आसाराम पर लगे आरोपों की सुनवाई हुई और उन्हें कोर्ट से सजा सुनाई गई. लेकिन एक दशक में एक दिन भी आसाराम को राहत नहीं मिली. इस समय अवधि में दर्जनों बार जमानत पैरोल व प्रार्थना पत्र पेश किए गए .अधिवक्ता ने सुप्रीम कोर्ट में भी गुहार लगाई. उसके बावजूद उन्हें जमानत नहीं मिली और ना ही कभी पैरोल मिली है. हमारे बापू आसाराम को इस मामले में झूठा फसाया गया है.
पैरोल मिली तो पीड़ित परिवार को खतरा हो सकता है
पैरोल को बार-बार कोई ना कोई अड़चन डालकर रुकवाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि पुलिस कमिश्नर ने पैरोल को लेकर पत्र लिखा था कि अगर उनको पैरोल मिली तो पीड़ित परिवार को खतरा हो सकता है. यह भी कहा गया कि मुलजिम फरार हो सकता है. उन्होंने कहा कि 86 वर्ष के बुजुर्ग आसाराम कैसे फरार होगे. उन्होंने यह भी कहा कि निर्दोष संत को ऐसे बयानों के आधार पर आजीवन कारावास दिया गया है. जो कई बार बदले जा चुके हैं.
जल्द हाई कोर्ट में आसाराम की पैरोल पर सुनवाई होनी है
आसाराम की पैरोल को लेकर 1 अगस्त को पुलिस के उपायुक्त पश्चिम कार्यालय की ओर से कलेक्टर को भेजे गए. पत्र में लिखा था कि कमिश्नर ने यह भी लिखा है कि समाज में शांति व्यवस्था भी प्रभावित हो सकती है. पूरे देश से आसाराम के अनुयायी जोधपुर आते हैं. इससे भी कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है. कलेक्टर ने पुलिस उपायुक्त से पैरोल को लेकर राय मांगी थी. हाईकोर्ट में पैरोल को लेकर लगाई गई याचिका पर को पुनः विचार के लिए निर्देशित किया गया है.जल्द हाई कोर्ट में आसाराम की पैरोल पर सुनवाई होनी है.
यह थी घटना
यह मामला जोधपुर के मणाई आश्रम का है. जहां पर अपने ही गुरुकुल की नाबालिग छात्रा को भूत प्रेत उतारने के बहाने बुलाया फिर नाबालिग के साथ यौन शोषण, ओरल सेक्स किया था. फिर उसे धमकी दी थी कि अगर उसने किसी को कुछ बताया तो उसके मां-बाप का कत्ल करवा देंगे पीड़िता के साथ 15 अगस्त की रात को हुए.
इस दुष्कर्म के बारे में एक दिन बाद अपनी मां को बताया पीड़िता के पिता आसाराम से बात करने के लिए दिल्ली पहुंचे. जहां पर उन्हें मिलने नहीं दिया गया. थक हार कर पीड़िता के पिता उसको लेकर दिल्ली के कमला नगर थाने पहुंचे 19 अगस्त को आसाराम के विरूद्ध जीरो नंबर की एफआईआर दर्ज हुई. नाबालिग का मेडिकल जांच हुई. मजिस्ट्रेट के आगे उसके बयान दर्ज किए गए. फिर यह मामला जोधपुर पुलिस के हवाले कर दिया गया था.
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