Rajasthan News: राजस्थान सरकार में कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने आरएएस-2018 और 2021 में जांच की मांग उठाई है. दरअसल, एसआई भर्ती 2021 में फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद कैबिनेट मंत्री ने भर्ती में करीब 400 अभ्यर्थियों का फर्जी चयन होने का दावा करते हुए एसओजी को सबूत पेश किए हैं. उन्होंने कहा कि उपनिरीक्षक भर्ती परीक्षा 2021 में करीबन 859 पदों की भर्ती पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने निकाली थी.


किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि इस भर्ती परीक्षा को लेकर पूर्व में भी बड़े स्तर पर फर्जीवाड़े के खुलासे कर चुका हूं. कैबिनेट मंत्री ने बताया कि फर्जीवाड़े को लेकर करीब एक दर्जन एफआईआर दर्ज हुई है. लेकिन, कोई कार्रवाई नहीं की बल्कि सरकार मुलजिमों की ओर से दर्ज कई एफआईआर में पुलिस ने एफआर लगा दी है. 


भर्ती में चयनित उम्मीदवारों की किशनगढ़ में चल रही है ट्रेनिंग
कैबिनेट मंत्री ने बताया कि उपनिरीक्षक भर्ती परीक्षा 2021 में करीबन 859 पदों पर चयनित होकर वर्तमान में आरपीए/किशनगढ में ट्रेनिंग कर रहे हैं. इनमें करीबन 300-400 अभ्यर्थियों का फर्जी चयन हुआ है. चयनित अभ्यार्थियों ने जिस सेन्टर पर परीक्षा दी, उस परीक्षा सेन्टर की अगर विडियोग्राफी/कॉल लेटर (आरपीएससी से) निकाली जाए तो आरपीए/किशनगढ में चयनित अभ्यार्थियों के चेहरों से मिलान हो जाएगा और सैकडों अभ्यर्थी फर्जी मिलेंगे.


राजस्थान के मंत्री ने कहा कि उन्होंने एक चयनित लड़की का साक्षात्कार देखा, जिसमें वो देश के राष्ट्रपति का नाम नही बता पा रही थी. उसकी जगह भी अन्य लड़की ने बैठकर परीक्षा दी थी. अगर चयनित अभ्यर्थियों की गहनता से जांच की जाएं तो करीबन 300 अभ्यर्थी फर्जी निकलेंगे. 


आरएएस-2018 और 2021 भर्ती जांच की मांग
किरोड़ी लाल मीणा ने बताया कि चहेते प्रोफेसर को कॉर्डिनेटर बनवाकर एक बड़ा घपला किया गया है. उन्होंने आरएएस-2018 और 2021 भर्ती की भी जांच की मांग उठाई है. मीणा ने कहा है कि इसके खुलासे पहले भी कर चुका हूं. उन्होंने कहा कि 2018 की मुख्य परीक्षा की उत्तर पुस्तिका एमडीएस यूनिवर्सिटी अजमेर में कमरे बंद कर उत्तर पुस्तिका की जांच की गई थी. 


चहेते प्रोफेसर को कॉर्डिनेटर बनाकर किया घपला
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि आरपीएससी के सदस्य शिव सिंह राठौड़ ने अपने चहेते प्रोफेसर को कॉर्डिनेटर बनवाकर एक बड़ा घपला किया. इसमें तत्कालीन सरकार के नेताओँ के रिश्तेदारों को अच्छे अंक दिलवाए गए.  किरोड़ी ने कहा कि एक अभ्यर्थी की उत्तर पुस्तिका को मीडिया के सामने उजागर किया था कि इनकी उत्तर पुस्तिका को जांचने के दौरान प्रोफेसर की ओर से NA यानी नॉट अटेम्प्ट लिखा गया और शून्य अंक भी चढ़ाए गए, लेकिन इस अभ्यर्थी का परिणाम आने के बाद अंक कम आने के कारण मेरिट में नीचे रह गया.


किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि ये तो एक उदारण है, इस प्रकार के घपले 2018 की आरएएस मुख्य परीक्षा जांचने में बड़े स्तर पर किए गए हैं. वहीं उन्होंने कहा की 2021 की परीक्षा को जल्दबाजी में कराने में कोई कसर नहीं छोड़ी गई. प्री-परीक्षा विवादों में रही, जिसको लेकर अभ्यर्थी सुप्रीम कोर्ट तक गए परंतु सरकार की गलत मानसिकता के कारण इस पेपर को कराया गया.


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