Rajasthan News: राजस्थान में राशन डीलरों ने मौजूदा भजनलाल सरकार के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया है. अपनी 9 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदेश भर में जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया गया है. उन्होंने कहा कि हमने मुख्यमंत्री को 9 सूत्री मांग पत्र प्रस्तुत किया गया था, परन्तु न तो सरकार ने और न ही खाद्य विभाग के अधिकारियों ने हमारी मांगो पर कोई संज्ञान नहीं लिया हैं.


‘परिवार के पालन पोषण में आ रही है आर्थिक परेशानी’
राजस्थान में राशन विक्रेता की स्थिति काफी दयनीय हो गई है. उनका कहना है कि स्कूलों में प्रवेश प्रारम्भ हो गए है, अपने बच्चों की फीस, किताबे, ड्रेस आदि तक विक्रेता उपलब्ध नहीं करा पा रहे हैं. ऐसी स्थिति में हमारे बच्चे शिक्षा प्राप्त करने से वंचित हो रहे है. परिवार के पालन पोषण करने में भी आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इसलिए विवश हो चुके है. राज्य सरकार से हमारा पिछले 6 महीने का बकाया कमीशन 31 जुलाई 2024 तक दिलाए अन्यथा हमें विवश होकर 1 अगस्त 2024 से वितरण व्यवस्था को रोकना होगा. क्योंकि हमारी आर्थिक स्थिति अब जवाब दे चुकी है और इसके साथ ही सरकार हमारी उपरोक्त मांग 30,000/-रू. मासिक मानदेय के संबंध में क्या कार्रवाई की जा रही है. उससे अवगत कराया जाए. उसके पश्चात ही राशन विक्रेता सुचारू रूप से वितरण का कार्य करेगा.


क्या है राशन विक्रेताओं की मुख्य मांगे?
• राशन विक्रेता को प्रतिमाह 30,000/-रु. मानदेय निश्चित किया जाए.
• आधार सीडिंग की राशि, प्रवासी योजना के तहत वितरण कराए. गेहूं का कमीशन व ई.के.वाई.सी. का सीडिंग का मेहनताना भी दिया जाए. जबकि ई-मित्र वाले आधार कार्ड अपडेट के 150 रु. चार्ज कर रहे है. विक्रेता को ई.के.वाई.सी. सीडिंग के लिए सरकार द्वारा कुछ भी चार्ज नहीं दिया गया, यह मानवीय मूल्यों के विरूद्ध है. 
• गत 5-6 माह से राशन विक्रेताओं को केन्द्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा दिया गया कमीशन प्राप्त नहीं हुआ है. वो जल्द से जल्द दिया जाए. 


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