Rajasthan Staff Selection Commission News: राजस्थान कर्मचारी चयन आयोग की ओर से रीट (REET) परीक्षा का आयोजन किया गया. बताया गया कि रीट की परीक्षा में कुछ मारवाड़ी भाषा (Mewadi Language) से संबंधित प्रश्न पूछे गए. अब इसका विरोध पूर्वी राजस्थान (Rajsthan) के युवाओं ने शुरू कर दी है. इनका कहना है कि रीट जैसी प्रतियोगी परीक्षा में मारवाड़ी भाषा का उपयोग किया है, जो पूर्वी राजस्थान के युवाओं के समझ से परे है. अब इन युवाओं ने जितने नंबर के मारवाड़ी भाषा से संबंधित प्रश्न पूछे गए हैं, पूर्वी राजस्थान के परीक्षार्थियों को इसके लिए बोनस अंक दिए जाए.
हिंदी के खिलाफ बताया षड्यंत्र
युवाओं का कहना है की राजस्थान का पूर्वी, दक्षिणी और उत्तरी पूर्वी क्षेत्र राजस्थानी मारवाड़ी शेखावाटी जोधपुरी बोली से एकदम अनजान है. इन युवाओं का कहना है कि हिन्दी भाषा हमारे देश की मुख्य भाषा है. यदि इस प्रकार से क्षेत्र में बोले जाने वाली भाषा बोलियों के आधार अलग से भाषा के रूप में मान्यता देते रहे तो हिंदी का औचित्य ही खत्म हो जाएगा और यह हिंदी के खिलाफ एक प्रकार का षड्यंत्र है.
हिंदी की बताई ये खूबी
युवाओं का कहना था कि पूर्वी राजस्थान के भरतपुर, करौली, दौसा, धौलपुर, सवाई माधोपुर और अलवर यह 6 जिले ब्रज क्षेत्र के संपर्क वाले जिले हैं. हमारी बोली भाषा हिंदी के समकक्ष है और भाषा के रूप में हिंदी पहले से ही हमारे पास है. हिंदी तमाम बोलियों से बनी है. इसमें तमाम बोलियों का समावेश हो चुका है तो फिर अलग से एक भाषा बनाने और उसे अपनाने का क्या कारण है.
किसी क्षेत्रीय भाषा को मान्यता देना गलत
आज युवाओं ने छात्र नेता राहुल उवार के नेतृत्व में एक बैठक कर सरकार से मांग की है की प्रतियोगी परीक्षा में हिन्दी भाषा का ही प्रयोग किया जाए, ताकि सभी प्रदेश के प्रतियोगी परीक्षा में सभी अपना अच्छा परिणाम ला सके. उन्होंने कहा कि राजस्थान एक बहुत बड़ा राज्य है, जिसमें कई अलग-अलग भाषाएं हैं. ब्रज, मेवाड़ी, मारवाड़ी, शेखावाटी और हाडोती भाषाएं हैं. हर क्षेत्र में अलग वहां की बोली है. अगर राजस्थान की किसी एक भाषा को राज्य भाषा का दर्जा मिलता है, तो यह बहुत गलत फैसला होगा, क्योंकि इससे बाकी भाषा दब जाएगी. सभी भाषा का अपना महत्व है और अपना बोलचाल का ढंग है.
आंदोलन की जी चेतावनी
किसी एक भाषा को राज्य भाषा घोषित करने पर दूसरी भाषा के लोग इसका खुला विरोध करेंगे, क्योंकि इससे दूसरी भाषाओं का अपमान ही होगा. किसी एक भाषा को राज्य भाषा बनाकर सम्मानित करना गलत है. इससे प्रदेश में दंगे बढ़ जाएंगे और समाज की एकता टूट जाएगी. इससे आपसी भाईचारा खत्म हो जाएगा. इसलिए सरकार से अनुरोध है कि पूर्वी राजस्थान के रीट के अभ्यर्थियों को बोनस अंक दिए जाए. युवाओं ने आज एक मीटिंग कर इसका विरोध किया. इन छात्रों ने चेतावनी दी है कि अगर सुनवाई नहीं हुई तो एक संगठन बनाकर उग्र आंदोलन किया जाएगा, जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी.