REET Paper Leak Update: प्रदेश में शिक्षक भर्ती पात्रता परीक्षा (रीट) पेपर लीक मामले के बाद परीक्षा रद्द के एलान पर भी विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गुरुवार शाम को ट्वीट कर परीक्षा रद्द होने के पीछे बीजेपी का कारण बता रहे हैं. साथ ही गुजरात, उत्तर प्रदेश में रद्द हुई परीक्षाओं के बारे में भी बताया. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने प्रदेश के युवाओं को भड़काकर जिस तरह हिंसात्मक माहौल बनाया इस कारण रीट लेवल-2 की परीक्षा रद्द की. इससे करीब 15 हजार युवाओं की आशाओं को धक्का लगा है. अब विधानसभा की कार्यवाही में व्यवधान पैदा कर बीजेपी राज्य के विकास के मुद्दों पर चर्चा नहीं होने देना चाहती.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र पर साधा निशाना
आज गुजरात में 13 फरवरी को प्रस्तावित नॉन सेक्रेटेरिएट क्लर्क की परीक्षा को स्थगित किया गया है. इस परीक्षा को चार सालों में तीन बार स्थगित किया गया है. मैंने पूर्व में भी कहा कि विभिन्न राज्यों में पेपर लीक, नकल, फर्जी डिग्री आदि के संगठित गिरोह से सभी परीक्षाओं में परेशानियां आ रही हैं. हरियाणा में पुलिस कांस्टेबल पेपर, मध्य प्रदेश में SDO, RAEO व नर्स भर्ती परीक्षा, यूपी में दरोगा भर्ती, UPPCL भर्ती, यूपी लोअर सबॉर्डिनेट परीक्षा, ग्राम विकास अधिकारी, यूपी पीएटी, यूपी टीईटी परीक्षा केन्द्र सरकार द्वारा आयोजित यूजीसी नेट 2021, नीट परीक्षा, SSC CGL भर्ती, थल सेना में जनरल ड्यूटी भर्ती आदि की परीक्षाओं के पेपर लीक हुए एवं तमाम परीक्षाएं रद्द करनी पड़ीं. केन्द्र व राज्यों की सरकारों के सामने यह चिंता का विषय होना चाहिए. राज्यों में हुए पेपर लीक की जांच वहां की एजेंसियों ने ही की. बीजेपी बताए कि इन सब भर्तियों की जांच CBI को क्यों नहीं दी?
बीजेपी पर लगाये गंभीर आरोप
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा ''बीजेपी ने प्रदेश के युवाओं को भड़काकर जिस तरह का हिंसात्मक माहौल बनाया उसके कारण रीट लेवल 2 की परीक्षा रद्द की गई. इससे करीब 15 हजार युवाओं की आशाओं को धक्का लगा. अब विधानसभा की कार्यवाही में व्यवधान पैदा कर बीजेपी राज्य के विकास के मुद्दों पर चर्चा नहीं होने देना चाहती है.''
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा ''हमारी सरकार पेपर लीक, नकल एवं परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर कठोर कानून वाला बिल लेकर आ रही है एवं हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में परीक्षाओं में गड़बड़ी रोकने के लिए कमिटी बनाई है जो 15 मार्च तक अपने सुझाव देगी. पर बीजेपी चर्चा नहीं सिर्फ हंगामा कर माहौल खराब करना चाहती है. राज्य बीजेपी के नेता किसी के इशारे पर लगातार हंगामा करने की नीति बनाए हुए है जिससे समय पर भर्ती संभव ना हो एवं सरकार को बदनाम कर सकें. इस तरह विधानसभा में विपक्ष अब राज्य के विकास के मुद्दों पर चर्चा करने की बजाय सदन की गरिमा को तार-तार करने का कार्य कर रहा है.''
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