Crime in Kota: कोटा में अपने ही हो गए हैं अपनों के खून के प्यासे, जानिए क्या कहते हैं हत्या के आंकड़े
Rajasthan News : कोटा शहर के पुलिस थानों में पिछले साढे तीन साल में हत्या की 101 वारदातें हुई हैं. इसमें आरोपी कोई और नहीं बल्कि अपने ही रिश्तदार हैं. यानी की अपने ही अपनों के हाथों सुरक्षित नहीं हैं.
कोटा: प्रदेश में क्राइम का बोलबाला है, हत्या, लूट, डकैती, अपहरण, सामूहिक दुष्कर्म सरीखे मामले ज्यादा देखने को आए हैं. देश में राजस्थान में क्राइम अधिक हो रहा है. हम कोटा की बात करें तो यहां भी क्राइम परवान पर है. यहां हुए अधिकांश मामलों में आरोपी सलाखों के पीछे पहुंच गए हैं, कुछ ही वारदात हैं जो अभी अनसुलझी हैं. कोटा शहर के पुलिस थानों में पिछले साढे तीन साल में हत्या की 101 वारदातें हुई हैं. इनमें से करीब 45 फीसदी मामलों में खून करने का आरोप रिश्तदारों पर ही लगा है.
रिश्तेदार ही बहा रहे हैं खून
कोटा में लोग अपने घरों में अपने ही रिश्तेदारों से के बीच सुरक्षित नहीं हैं. बड़ी तादाद में ऐसे लोग हैं, जिनको बाहरी लोगों से दुश्मनी कम है और अपने और परिचितों से खतरा ज्यादा है. कोटा में पिछले साढे 3 साल में हुई हत्याओं का ट्रेड तो यही बता रहा है कि अपनों ने ही अपनों का खून बहा दिया. ऐसे 45 फीसदी मामले सामने आए हैं, जिनमें हत्या करने वाले अपने परिजन या निकटवर्ती हैं. जनवरी 2019 से लेकर जून 2022 तक शहर में हुई कुल हत्याओं में फीसदी हत्यारे परिचित ही निकले. इनमें चाची, पत्नी और भाई भी शामिल हैं.
लॉकडाउन में भी नहीं रुकीं हत्याएं
कुछ थाना इलाकों में तो कुछ सालों में हत्या के सभी मामलों में करीबी ही आरोपी निकले. पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार 2019 में हत्या की 31 वारदातें हुई, 2020 में 24 हत्याएं हुई, 2021 में 27 हत्या और 2022 में 30 जून तक हत्या की 19 वारदातें हो चुकी थीं. वर्ष 2020 में मार्च से लगातार लॉकडाउन लगा रहा. लोगों को घरों में कैद रहना पड़ा, लेकिन उसके बाद भी कोटा में खूनी संघर्ष जारी रहा. चौराहों पर पुलिस तैनात थी, लेकिन इस साल भी 24 लोगों की जान हत्यारों ने ले ली. इसके पहले साल 2021 में भी आधा वर्ष लॉकडाउन के साए में ही निकला था, ऐसे में पुलिस की सख्ती थी, लेकिन तब भी हत्याएं नहीं रुकीं थीं.
शहर के आनंतपुरा थाना इलाके में 2019 में हत्या की सात वारदातें हुईं. इनमें से पांच वारदातें रिश्तेदारों द्वारा की गईं. किशोरपुरा इलाके में तीन सालों में हत्या की तीन वारदातों में रिश्तेदार ही गिरफ्तार हुए. नयापुरा इलाके में तो 2021 में पत्नी को ही पुलिस ने हत्या के मामले में गिरफ्तार किया था. कुन्हाड़ी इलाके में जनवरी से जून 2022 तक हत्या की चार में से तीन वारदातों में रिश्तेदार या मिलने वाले आरोपी निकले. रेलवे कॉलोनी इलाके में 2019 से 2022 तक हत्या की सात वारदातें हुईं. इनमें पांच मामलों में रिश्तेदार ही गिरफ्तार किए गए.
चाची ने ही भतीजे को मार डाला
शहर में पिछले साढे तीन साल में कैथूनीपोल इलाके में हत्या की तीन वारदातें मिलने वाले व रिश्तेदारों ने ही की हैं. कोतवाली रामपुरा और आसपास इलाके में तीन साल में हत्या की वारदातों में अपने ही गिरफ्तार हुए हैं. यही नहीं एक मामला तो पूरे देश भर में चर्चित रहा. इसमें एक मासूम को उसकी चाची ने ही पानी की टंकी में डुबोकर मार डाला. महावीर नगर इलाके में तीन वारदातें हुई इनमें भी रिश्तदार ही आरोपी निकले. विज्ञान नगर में 2021 से 2022 तक हत्या की सभी चार वारदातों में आरोपी रिश्तेदार और जानकार ही निकले हैं.
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