Renu Yadav Inside Story: गोरा रंग, मासूम चेहरा, कद 5 फुट 8 इंच और बेहद खूबसूरत चंबल की डकैत रेनू यादव को देखनेवाला देखते ही रह जाता. औरैया जिले के जमालीपुर गांव में जन्मी रेनू यादव पांच बहनों में सबसे बड़ी थी. बॉलीवुड हीरोइन की तरह दिखनेवाली रेनू यादव पर किसी का भी दिल आ सकता था. आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के बावजूद पिता रेनू यादव को पढ़ा रहे थे. पढ़ने में होशियार रेनू यादव पढ़ लिख कर पिता की मदद करना चाहती थी. लेकिन उसकी किस्मत में कुछ और ही लिखा था. 29 नवंबर 2003 को रेनू यादव सहेलियों के साथ स्कूल जा रही थी. चंबल का खूंखार डाकू चंदन की नजर रास्ते से गुजर रही रेनू पर पड़ गई. डाकू चंदन यादव ने रेनू का अपहरण कर लिया. रेनू यादव के स्कूल से घर नहीं पहुंचने पर पिता ने थाने में मामला दर्ज कराया.


डकैत के कब्जे से पिता रिहा कराने में रहा नाकाम
डाकू चंदन यादव ने रेनू यादव के पिता से 10 लाख रुपये की फिरौती मांगी. पिता के पास 5- 6 बीघा ही खेत था. उसी खेत से परिवार का लालन-पालन हो रहा था. उसे बेचकर भी 10 लाख रुपये का इंतजाम नहीं हो रहा था. पिता ने बेटी के अपहरण और 10 लाख फिरौती मांगने की बात भी पुलिस को बताई. बेटी को डकैत के कब्जे से मुक्त कराने की पुलिस से फरियाद अनसुनी रह गई. रेनू के पिता पैसों का इंतजाम कर सके और ना ही पुलिस डाकू चंदन यादव से मुक्त करा सकी. खूबसूरती रेनू को चंबल के बीहड़ में ले गई. खूंखार डाकुओं के बीच अकेली पाकर रेनू ने चंदन से रिहा करने की भीख मांगी. लेकिन डकैत चंदन यादव ने उसे नहीं छोड़ा.


चंबल के बीहड़ में रेनू यादव पर टूटा जुल्म का पहाड़
शुरू में रेनू यादव पर काफी जुल्म किये गए. कई दिनों तक भूखा भी रखा गया और मारपीट भी की गई. चंबल के बीहड़ में रेनू हर दिन यही उम्मीद करती की पिता या पुलिस डाकुओं से छुड़ाकर ले जायेंगे. लेकिन कई महीनों तक रेनू के पिता 10 लाख का इंतजाम नहीं कर पाए और पुलिस भी रेनू को डाकू चंदन सिंह के चंगुल से मुक्त नहीं करा पाई. अब रेनू यादव के पास डाकू चंदन सिंह की बात मानने के अलावा कोई रास्ता नहीं था. यहीं से खूबसूरत रेनू यादव के दस्यु सुंदरी बनने और हथियार उठाने की कहानी शुरू होती है. सफेद शर्ट, नीली जींस, स्पोर्ट्स शू और माथे पर लाल तिलक डाकू रेनू यादव की पहचान बन गई. चंबल की डाकू रेनू यादव का दूर-दूर तक खौफ फैल गया.


रेनू यादव की खूबसूरती ने चंबल के बीहड़ में रहने वाले डकैतों को भी एक दूसरे का दुश्मन बना दिया. डाकू चंदन यादव की गैंग का तीन राज्यों राजस्थान, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में आतंक था. चंदन यादव से आम लोग ही नहीं चंबल के अन्य डकैत भी खौफ खाते थे. रेनू यादव का नाम लूट, अपहरण, डकैती, फिरौती जैसी घटना में आने लगा और उसके खिलाफ भी कई थानों में  मामले दर्ज हो गए. उसी दौरान रेनू यादव चंदन यादव के बच्चे की मां बन गई थी. खूबसूरती के कारण चंबल में अन्य डकैत भी रेनू को पाना चाहते थे लेकिन चंदन के डर से हिम्मत नहीं होती थी. चंदन यादव की गैंग का एक डाकू रामवीर गुर्जर भी रेनू यादव को पाना चाहता था. उसने डकैत चंदन यादव की हत्या करने का प्लान बनाया.


खूबसूरती ने बनाया डकैतों को आपस में दुश्मन
5 जनवरी 2005 को रामवीर गुर्जर ने डकैत चंदन यादव पर अधाधुंध फायरिंग कर मौत के घाट उतार दिया. चंदन यादव की मौत के बाद रामवीर गुर्जर ने सोचा की रेनू यादव को पाना अब आसान हो गया है. चंदन यादव की मौत के बाद रेनू यादव समझ गई थी की रामवीर गुर्जर की नीयत ठीक नहीं है. कुछ दिन बाद ही डाकू रामवीर गुर्जर ने दस्यु सुंदरी रेनू यादव के साथ जबरदस्ती संबंध बनाने की कोशिश की लेकिन उसने रामवीर गुर्जर को गोलियों से भून डाला. ताबड़तोड़ फायरिंग करने के बाद रेनू यादव ने इटावा पुलिस स्टेशन पहुंचकर रामवीर गुर्जर की एसएलआर के साथ सरेंडर कर दिया. पुलिस ने रेनू यादव को गिरफ्तार कर लिया. रेनू यादव पर उस समय लगभग 17 मामले दर्ज थे.


अदालत में मामला चलता रहा और उस दौरान रेनू यादव जेल में रही. 2012 में अदालत ने रेनू यादव को सभी मामलों में बरी कर दिया. जेल से निकलने के बाद रेनू यादव को मालूम हुआ कि अंधाधुंध फायरिंग में रामवीर गुर्जर बच गया है और फिर से चंबल में आने का दवाब बना रहा है. रेनू यादव अब चंबल के बीहड़ में जाना नहीं चाहती थी. इसलिए रेनू यादव ने तत्कालीन सपा सरकार से सुरक्षा मुहैया कराने की अर्जी लगाई. सरकार ने रेनू यादव को सुरक्षा उपलब्ध भी करा दी. रेनू यादव ने बेटी को नानी के पास छोड़ दिया था. अतीत का साया रेनू यादव बेटी पर पड़ने नहीं देना चाहती थी.


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