Jodhpur: नये और खास किस्म के बेरों की फसल पर रिसर्च, जानें इससे किसानों को क्या मिलेंगे फायदे?
किसानों के लिए खास और नये किस्म के बेर की फसल पर रिसर्च चल रहा है, जानें इससे किसानों को कितना फायदा होगा?
Jodhpur: जब भी आप ग्रामीण क्षेत्र गांव ढाणी की तरफ निकलते हैं तो खेतों या जंगलों में पहाड़ियों पर कंटीली झाड़ियों में लगे बेरो को देखकर हर किसी का मन बेर खाने को तैयार रहता है, ऐसे भी खट्टे मीठे बेर का नाम आते ही मुंह में पानी आ जाता है, भारत में पाए जाने वाले फलों में बेर एक प्राचीन फल है जिसका जिक्र कई ग्रंथों व साहित्य में भी है रामायण काल के दौरान बेर का जिक्र शबरी के बेर जिन्हें भगवान श्रीराम ने स्वीकार किये थे.
जैसे जैसे समय बदल रहा है वैसे वैसे हर चीज बदल रही है. अब एग्रीकल्चर क्षेत्र में बड़ा बदलाव आ रहा है. अब किसान भी तकनीकी के साथ खेती कर रहे हैं और अधिक मुनाफा भी कमा रहे हैं क्योंकि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों की आय बढ़ाने के लिए लगातार क्रियाशील हैं. इसको लेकर केंद्र सरकार और राज्य सरकार की कई एजेंसियां काम कर रही हैं. काजरी व कृषि अनुसंधान केंद्र में फसलों पर रिसर्च किया जा रहा है और किसानों के खेतों तक बीज पहुंचाया जा रहा है.
जोधपुर कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति बी आर चौधरी राजस्थान के किसानों के लिए खास किस्म के बेरो को फसल तैयार करने में जुटे हैं कम पानी में अच्छी फसल मिले साथ ही फसल में किसी तरह का कीड़ा नहीं लगे इसको लेकर किसानों के साथ संगोष्ठी भी की जा रही है और उन्हें बताया जा रहा है कि किस तरह से बेरो की खेती करें किसानों की आमदनी बढ़ाने को लेकर साथ ही अच्छी फसल तैयार की जा सके इस पर कई तरह के रिसर्च किए जा रहे हैं.
पश्चिमी राजस्थान धोरों की धरती पर उगने वाले खट्टे मीठे बेर अब किसानों के लिए आर्थिक मददगार भी बन रहे हैं. बेर की कई तरह की किस्म किसानों के लिए तैयार की जा रही है. जोधपुर कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति बी आर चौधरी की टीम इस पर खास काम कर रही है. पेड़ पर रिसर्च कर बेर की फसल की कई किस्में बनाई गई है यहां से बेर के बीच किसान अपने खेतों में लगा रहे हैं और अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. कृषि अनुसंधान केंद्र के रिसर्च सेंटर में बेर की खास फसल तैयार हो चुकी है. बेर के पौधे की यह विशेषता होती है कि अपने आप को विपरीत परिस्थितियों में यह डालने की क्षमता रखते हैं जिसके फल शुष्क व अर्ध शुष्क क्षेत्र जहां पर वर्षा बहुत कम होती है वहां पर भी फल देता है. बेर के पके हुए फलों में विटामिन ए विटामिन बी और विटामिन सी के साथ ही खनिज पदार्थ जैसे कैल्शियम मैग्नीशियम और जस्ता आदि की इसमें प्रचुर मात्रा में होता हैं. बेर के पौधे में कुछ ऐसे गुण हैं जिसके कारण यह शुष्क क्षेत्रों का बहुत ही सफल फल वृक्ष माना जाता है भारत में बेर की लगभग 125 किस्मे पाई जाती है जिसमें से मराहन, गोला ,सेओ, महरून, केथली, कांधा आदि महत्वपूर्ण किस्में देश में किसानों द्वारा उत्पादित की जाती है.
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