Rajasthan News in Hindi: बीजेपी के राज्यसभा सांसद डॉक्टर किरोड़ी लाल मीणा ने मंगलवार को सदन में धर्मांतरण का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि आदिवासियों में इस समस्या को रोकने के लिए धर्मांतरण करने वाले को मिलने वाले आरक्षण को खत्म कर देना चाहिए. डॉक्टर मीणा मंगलवार को संसद में संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (पांचवां संशोधन) विधेयक, 2022  पर हुई चर्चा में भाग ले रहे थे. इसमें कुछ जातियों को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने का प्रस्ताव है. इस विधेयक को राज्यसभा ने ध्वनिमत से पारित कर दिया. 


धर्मांतरण करने वालों का आरक्षण छीनने की मांग


चर्चा में भाग लेते हुए किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि धर्मांतरण छत्तीसगढ़ और झारखंड में बड़ी समस्या है. उन्होंने कहा कि राजस्थान का एक हिस्सा है, जहां जबरदस्त भुखमरी है, कुपोषण है और गरीबी है. वहां धर्मांतरण एक आम समस्या हो गई है. वहां बहुत बड़े पैमाने पर धर्मांतरण किया जाता है.उन्होंने कहा कि धर्मांतरण करते हुए जो लोग एक धर्म को छोड़कर दूसरे धर्म को अपना लेते हैं, उनके लिए आरक्षण के प्रावधान को खत्म किया जाना चाहिए, जिससे धर्म परिवर्तन पर पाबंदी लग सके. 






क्या प्रावधान है विधेयक में


राज्यसभा ने संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (पांचवां संशोधन) विधेयक, 2022 पर हुई चर्चा के बाद इसे ध्वनिमत से पारित कर दिया. इस विधेयक में छत्तीसगढ़ में अनुसूचित जनजातियों की सूची में धनुहार, धनुवार, किसान, सौंरा और बिंझिया समुदायों को शामिल किए जाने का प्रस्‍ताव है. इस विधेयक में भुइन्‍या, भुइयां और भुयान समुदायों को भरिया भूमिया समुदाय का ही हिस्सा माने जाने का प्रावधान है. इस विधेयक में पंडो समुदाय के नाम के तीन देवनागरी संस्करण भी शामिल करने का प्रस्‍ताव है. इस चर्चा में बीजेपी के डॉक्टर किरोड़ी लाल मीणा के अलावा समीर ओरांव, सरोज पांडेय और राकेश सिन्हा ने भी भाग लिया. चर्चा की शुरुआत बीजू जनता दल के निरंजन बिशी ने की 


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