Right To Health Bill: राजस्थान में सोमवार को 'राइट टू हेल्थ' बिल (Right to Health Bill) पास हो गया है. जबकि कई दिनों से प्राइवेट डॉक्टर्स इसके विरोध पर हैं. चिकित्सा और स्वास्थ्य मंत्री परसादीलाल मीणा (Parsadi Lal Meena) ने सोमवार को विधानसभा में कहा कि प्रदेश स्वास्थ्य के क्षेत्र में मॉडल स्टेट बन रहा है. राज्य में स्वास्थ्य क्षेत्र पर 7 प्रतिशत बजट व्यय हो रहा है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सभी प्रदेशवासियों को स्वास्थ्य का अधिकार देने के लिए प्रतिबद्ध है. चिकित्सा मंत्री सदन में प्रवर समिति ने प्रतिवेदित ''राजस्थान स्वास्थ्य का अधिकार विधेयक, 2022'' पर चर्चा का जवाब दे रहे थे. इसके बाद सदन ने विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया. 


मंत्री मीणा ने कहा कि 'राइट टू हेल्थ' जनता के हित में है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने सभी सदस्यों के सुझाव के आधार पर इस विधेयक को प्रवर समिति को भेजा था. विधेयक में सभी सदस्यों और चिकित्सकों के सुझाव शामिल किए गए हैं. उन्होंने कहा कि अस्पतालों में उपचार के लिए मरीजों को मना नहीं किया जाए इसीलिए 'राइट टू हेल्थ' विधेयक लाया गया है. इसके अंतर्गत इमरजेंसी में इलाज का खर्चा सम्बन्धित मरीज के वहन नहीं करने की स्थिति में पुनर्भरण राज्य सरकार करेगी.


चिकित्सकों का पहला धर्म उपचार करना: मीणा 


राइट टू हेल्थ विधेयक के तहत राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण लॉजिस्टिकल शिकायत (State Health Authority Logistical Complaint) का भी गठन किया गया है. साथ ही, जिला स्तरीय प्राधिकरण का प्रावधान भी किया गया है. मीणा ने कहा कि चिकित्सकों का पहला धर्म उपचार करना है, जो उन्हें निभाना चाहिए. उन्होंने कहा कि बड़े अस्पतालों को राज्य सरकार ने रियायती दर पर जमीनें उपलब्ध करवाई है. इन अस्पतालों को 'राइट टू हेल्थ' विधेयक के अंतर्गत जोड़ने का प्रावधान है. चिकित्सा मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार जनता को बेहतर चिकित्सा और स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध है. इससे पहले सदस्यों के विधेयक को जनमत जानने के लिए परिचारित करने के सुझावों को सदन ने ध्वनिमत से अस्वीकार कर दिया. 


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