देश में बाघों का कैसे होगा संरक्षण, तस्करी पर कैसे लगे रोक? रणथंभौर इंटरनेशनल टाइगर वीक में हुआ मंथन
Sawai Madhopur News: सवाईमाधोपुर में रॉयल रणथंभौर इंटरनेशनल टाइगर वीक के तहत कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें बाघ व पर्यावरण संरक्षण में बेहतरीन काम करने वाले लोगों को सम्मानित किया गया.
Rajasthan News: देश में बाघों के संरक्षण की बात तेजी से हो रही है. अब उसके लिए लगातार काम भी किया जा रहा है. एक आंकड़ें की अनुसार, दुनियाभर में बाघों की आबादी के 70 फीसदी बाघों को हम यहां सुरक्षित रख पाए है. बाघों की दुनिया को सुंदर और सुरक्षित बनाने और इस मुहिम को उत्सव की तरह मनाने के उद्देश्य से आनंद भारद्वाज, नवरोज़ डी. धोंडी और सुनील मंगल द्वारा स्थापित संस्था लिव4फ्रीडम की ओर से आयोजित रॉयल रणथंभौर इंटरनेशनल टाइगर वीक में विशेषज्ञों ने विभिन्न विषयों पर विचार और सुझाव दिए.
इस कार्यक्रम में बाघ व पर्यावरण संरक्षण में बेहतरीन काम करने वाली शख्सियतों को सम्मानित किया गया. जिसमें विश्व प्रसिद्ध वाइल्ड लाइफ फिल्म मेकर सुबैया नल्ला मुत्थु की फिल्माई डॉक्यूमेंट्री को देखकर सभी ने बाघों की जिंदगी को करीब से देखा है.
क्या हुआ चिंतन?
टाइगर वीक में पंजाब के पूर्व राज्यपाल वीपी बदनौर, कंजर्वेशनिस्ट राजपाल सिंह और आईएफएस सोमशेखर ने बाघों की आबादी और प्रबंधन पर प्रकाश डाला. वीपी बदनौर ने कहा कि बाघों की एक टेरिटरी होती है इसके निकट इंसानों की बसावट दोनों के लिए ही खतरनाक है. ऐसे में बाघों के मूवमेंट वाले एरिए के नजदीक स्थित गांवों का स्थानांतरण करने की मुहिम चलाई गई. जिससे मानव बाघ संघर्ष कम हुआ. टेरिटरी छोटी हुई और वहां बाघों की आबादी बढ़ती गई तो वे आपसी संघर्ष में ही एक दूसरे को खत्म कर देंगे. यही कारण है कि बाघ अब लंबी दूरी तय कर दूसरे जंगलों में जाने लगे है. सरिस्का में रणथंभौर के बाघों ने जाकर कुनबा बढ़ाया है.
तस्करी पर लगे लगाम
शिकारी बाघों को मारकर उनके अंगों को नेपाल के रास्ते चीन व अन्य देशों में भेजते है. जहां दवाइयां बनाने में इसका उपयोग किया जाता है. स्थानीय लोगों व प्रशासन को बाघों के शिकार के प्रति सजग रहना जरूरी है. वन विभाग विदेशी ट्रेकिंग तकनीक और कैमरा मॉनिटरिंग का उपयोग कर रहा है.
इन्हें दिए गए अवार्ड
सुनील मंगल ने बताया कि केरल के पेरियार नेशनल पार्क को टाइगर रिजर्व ऑफ द ईयर 2024, लतिका नाथ को कंजर्वेशनिस्ट ऑफ दी ईयर, कर्नाटक को इंडियन टाइगर स्टेट ऑफ दी ईयर, हेमेन्द्र कोठारी को अनंत बजाज वाइल्डलाइफ फिलैंथरोपिस्ट ऑफ द ईयर, लास्ट वाइल्डर्नेस फाउंडेशन को एमर्जिंग एनजीओ ऑफ दी ईयर, एच एस पंवार को आईटीडब्ल्यू-लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड, हीरा लाल को रॉयल रणथंभौर-डेडिकेटेड टाइगर वॉरियर के अवॉर्ड ने नवाजा गया.
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