Rajasthan Paper Leak Case: पेपर लीक मामले में गिरफ्तार किए गए RPSC सदस्य बाबूलाल कटारा और उसके भांजे विजय कटारा को 29 अप्रैल तक स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) की कस्टडी में भेजा गया है वहीं मुख्य आरोपी शेर सिंह मीणा को न्यायिक हिरासत में भेजा गया है. बता दें कि राजस्थान के एसओजी और एंटी टेरेरिस्ट स्क्वायड (ATS) ने RPSC की ओर से आयोजित वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा 2022 के पेपर लीक मामले में RPSC सदस्य बाबूलाल कटारा, उसके भांजे विजय कटारा और ड्राइवर गोपाल सिंह को गिरफ्तार किया था.
बाबूलाल कटारा और गोपाल सिंह को एसओजी ने मंगलवार को अजमेर से पकड़ा जबकि बाबूलाल कटारा के भांजे विजय कटारा को डूंगरपुर से पकड़ा था.एसओजी कटारा से अब पेपल लीक मामले के छुपे हुए राज उगलवाएगी. एसओजी पता लगाएगी कि कैसे परीक्षा के पेपर शेर सिंह मीणा तक पहुंचाए गए.
'छपने से पहले ही बेच दिए थे पेपर'
एसओजी के एडीजी अशोक राठौड़ ने दावा किया कि RPSC सदस्य बाबूलाल ने परीक्षा से 2-3 सप्ताह पहले ही वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा के सामान्य ज्ञान का पेपर शेर सिंह मीणा को बेच दिया था. उन्होंने कहा कि वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा के सभी 6 पेपर सेट कराने की जिम्मेदार RPSC सदस्य बाबूलाल कटारा को दी गयी थी. कटारा ने अलग-अलग विशेषज्ञों से पेपर बनवाए और प्रिंटिंग प्रेस में भेजने से पहले ही उन्हें अपने भांजे को दिया जिसने उन पेपरों को शेर सिंह मीणा को बेच दिया था.
60 लाख में हुआ था सौदा
बाबूलाल कटारा ने ये पेपर 60 लाख रुपए में मीणा को बेचे थे. शेर सिंह मीणा ने इन पेपरों को भूपेंद्र सारण को 80 लाख में बेचा. भूपेंद्र ने कोचिंग सेंटर संचालक सुरेश ढाका के जरिए इन्हें सुरेश बिश्नोई को उपलब्ध कराया जिसने विद्यार्थियों को ये पेपर 5-5 लाख रुपए में बेचे थे.
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