RPSC Paper Leak: राजस्थान में आरपीएससी से कराई गई वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा में शनिवार सुबह होने वाले जीके के पेपर लीक प्रकरण में उदयपुर एसपी विकास कुमार शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मामले का खुलासा किया. इसमें कौन सरगना है, पेपर कहा से आया, अन्य और कितने लोग जुड़े हैं, आरोपियों की क्या प्लानिंग रही सहित अन्य बातों का खुलासा किया.


हालांकि मामला बड़ा है जिसका अनुसंधान अभी भी जारी है और अन्य आरोपियों की गिरफ्तार भी शेष है. इस मामले में अब तक 7 युवतियां सहित 49 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. इसमें गिरफ्तार सरगना सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल सहित अन्य दो व्यक्तियों के भी नाम सामने आ रहे हैं. 


एसपी ने अपनी कॉन्फ्रेंस में क्या-क्या कहा जानिए
पेपर कहां से आए: अब तक तो इस मामले में जालौर जिले में कार्यरत सरकारी स्कूल का प्रिंसिपल सुरेश विश्नोई सामने आ रहा था, जो बस के आगे एक कार में एस्कॉर्ट के रूप में चल रहा था और अभ्यर्थियों को गाइड कर रहा था.


अब इसमें जयपुर के दो आरोपियों के भी नाम जुड़ गए हैं जिनका नाम है सुरेश ढाका और भुप्पी. इन दोनों आरोपियों ने सुरेश विश्नोई को व्हाट्सएप पर परीक्षा से पहले पेपर पहुंचाया था. इसके बाद सुरेश ने बस में बैठे अभ्यर्थियों को पहुंचाया. अब सुरेश ढाका और भुप्पी के पकड़ में आने के बाद आगे की कड़ी सामने आएगी.


आरोपियों की क्या प्लानिंग बनी और कैसे हुआ पैसों का लेनदेन
इस मामले में जो भी 49 आरोपी गिरफ्तार हुए हैं वह सभी लगभग जालौर जिले के ही रहने वाले हैं. 49 में से करीब 45 अभ्यर्थी थे, इसमें एक एमबीबीएस करने वाला छात्र भी शामिल है. यह सभी सुरेश विश्नोई से संपर्क में आए जिसमें की जान पहचान के जरिये तो कोई कोचिंग में पढ़ने वाले अभ्यर्थी थे.


सभी संपर्क में आने के बाद इनकी प्लानिंग बनी जिसके अनुसार यह सभी एक दिन पहले यानी शुक्रवार को ही उदयपुर में आ गए. यहां आने के बाद इन्हें बताया गया था कि एक बस में बैठना है जिससे सभी शुक्रवार शाम को एक बस में बैठ गए. इससे पहले पैसों का लेनदेन हुआ. जिसमें 7 लाख से लेकर 15 लाख रुपए तक एक अभ्यर्थी से लिये. जिसमें कुछ पेमेंट परीक्षा के पहले तो कुछ बाद में देना तय हुआ. 


परीक्षा के पहले ही पेपर सॉल्व कर जाने वाले थे अभ्यर्थी, लगभग सभी प्रश्न परीक्षा पेपर जैसे
बस के माहौल की बात करें तो इसके पास लेपटॉप और प्रिंटर बस में ही था. जैसे ही सुरेश विश्नोई के पास पेपर आया तो उसने बस में उपस्थिति अभ्यर्थियों को दिया. अभ्यर्थियों ने लेपटॉप से प्रिंटर के जरिये निकाला और लेकर बैठ गए. फिर बस में ही कुछ इन्विजिलेटर थे और सुरेश खुद पेपर को सॉल्व करवा रहा था. साथ इनके पास आंसर को देखने के लिए अन्य सामग्री भी.


सभी अभ्यर्थी पेपर सॉल्व कर लेते और समय से पहले सभी को बस उनके सेंटर पर छोड़ देती. यानी यह सब शुक्रवार रात से सुबह तक बस में ही घूमते रहे. कभी उदयपुर जिले में तो कभी सिरोही जिले में. जब पुलिस ने आरपीएससी के जरिये पेपर की मिलान करवाई तो इसमें लगभग सभी प्रश्न हूबहू मिल गए. 


क्या इससे पहले भी दो दिन में पेपर लीक हुई?
इस सवाल पर एसपी विकास कुमार ने कहा कि अभी मामले में पेपर वर्क चल रहा है क्योंकि आरोपियों की संख्या ज्यादा है. रही बात अन्य दो दिनों की तो उन पेपर का इस मामले से कोई जुड़ाव सामने नहीं आया है. आज जीके का पेपर था जो अनिवार्य होता है ऑयर स्कोरिंग के लिए बेहतर होता है. इसलिए अभ्यर्थियों को यह पेपर दिया गया.


साथ ही अब तक यही सामने आया कि पेपर इन्ही के पास थे अन्य के पास कहीं नहीं गए. अब इस पेपर के पीछे मुख्य सरगना कौन है, कितने लोगों और जुड़े हुए हैं, कहा-कहा तक इनका कनेक्शन है, राजस्थान में कितने अभ्यर्थियों तक यह पेपर पहुंचा सहित अन्य बातों का जवाब आगे के अनुसंधान में होगा. 


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