RPSC Senior Teacher Paper Leak Case :वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा मामले में चौंकाने वाला मामला सामने आया है. इस मामले में एसओजी (SOG) ने अब राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) के सदस्य बाबूलाल कटारा (Babulal Katara), उनके भांजे विजय कटारा (Vijay Katara) और राजस्थान लोक सेवा आयोग के ड्राइवर गोपाल सिंह (Gopal Singh) को गिरफ्तार किया है. एटीएस और एसओजी ने मंगलवार सुबह कार्रवाई करते हुए तीनो को गिरफ्तार किया है. इसके बाद दोपहर को एसओजी की तरफ से प्रेस नोट जारी कर इसकी जानकारी दी गई.
एसओजी ने की कार्रवाई
बड़ी बात यह है कि जिस संस्था ने परीक्षा का आयोजन करवाया, उसी के सदस्यों ने युवाओं के साथ खिलवाड़ किया है. सूत्रों के अनुसार मुख्य आरोपी शेर सिंह की गिरफ्तारी के बाद आयोग के सदस्य एसओजी की राडार पर थे. एसओजी को जैसे ही पुख्ता जानकारी मिली, उन्होंने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.
तीनों को अलग-अलग किया गया गिरफ्तार
एसओजी के महानिरीक्षक सत्येंद्र सिंह की तरफ से जारी प्रेस नोट में बताया गया कि मंगलवार सुबह को यह कार्रवाई की गई. वरिष्ठ अध्यापक (माध्यमिक शिक्षा विभाग) प्रतियोगी परीक्षा 2022 से सम्बन्धित अभियोग संख्या 227 / 2022 पुलिस थाना बेकरिया, जिला उदयपुर में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. इनमें राजस्थान लोक सेवा आयोग, अजमेर के सदस्य बाबूलाल कटारा, आयोग के ड्राइवर गोपाल सिंह और बाबूलाल कटारा के भांजे विजय कटारा को गिरफ्तार किया गया है.
यह कार्रवाई में एसओजी के एसपी विकास सांगवान के पर्यवेक्षण में अकी गई. बाबूलाल कटारा और गोपाल सिंह को अजमेर स्थित उनके निवास स्थलों से गिरफ्तार किया गया. बाबूलाल कटारा के भांजे विजय कटारा को डूंगरपुर जिले के रामपुर बगदारी में उसके निवास से एटीएस के एएसपी अनन्त कुमार ने गिरफ्तार किया.
'शेर सिंह को कैसे दिये पेपर'
चौंकाने वाली गिरफ्तारी का मामला सामने आने के बाद अब यह सवाल खड़ा हो गया है कि आखिर मुख्य आरोपी शेर सिंह को यह पेपर कैसे मिला. एसओजी तीनों अभियुक्तों से गहन पूछताछ कर रही है. परीक्षा का प्रश्न पत्र किस प्रकार सदस्य, राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा अभियुक्त शेर सिंह को दिया गया, इस बारे में पूछताछ की जा रही है.
यह भी पढ़ें : Rajasthan Corona: भरतपुर में बढ़ रहे कोरोना पॉजिटिव मरीज, जानिए अस्पतालों में क्या है व्यवस्था