(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
RTH Bill Protest: राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में सड़कों पर उतरे डाक्टर्स के माता-पिता और बच्चे, सरकार के खिलाफ किया प्रदर्शन
राइट टू हेल्थ बिल के खिलाफ अब राजस्थान में महिलाओं और बच्चों ने भी मोर्चा खोल दिया है. इस बार डॉक्टरों के माता-पिता और बच्चों ने रैली निकालकर सरकार से निजी अस्पातालों में दखल न देने की मांग की है.
RTH Bill Protest: सरकार की हठधर्मिता से जनता को चिकित्सकों के आंदोलन से 2 हफ्ते बाद भी कोई राहत नहीं मिल रही. कोटा में सरकारी अस्पतालों पर डबल भार आ गया है, मरीजों की भारी भीड़ आ रही है तो सक्षम लोग राजस्थान की सीमा पार कर मध्यप्रदेश उपचार के लिए जा रहे हैं. कोटा में धरना लगातार जजारी है और कई तरह से विरोध दर्ज कराया जा रहा है. इस बार विरोध स्वरूप डॉक्टर्स के माता पिता, बच्चों ने रैली निकाली और कहा कि हम भले लोग हैं, आंदोलन कर रहे हैं तो हमारे साथ गलत हो रहा है, तभी तो कर रहे हैं.
इस दौरान बच्चों ने भी अपने हाथों से तख्तियां बनाई और सड़कों पर निकले और लोगों को समस्या बताई. चिकित्सकों ने धरना स्थल पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आरएसएस के बरगलाने के आरोप की घोर निन्दा की और इसे चिकित्सक जैसे प्रबुद्ध वर्ग के लिए एक अपमानजनक टिप्पणी बताया. चिकित्सकों ने कहा कि ऐसे अनर्गल आरोपों से वार्ता का माहौल बनने की जगह और बिगड़ेगा और किसी समझौते पर पहुंचना मुश्किल होगा. उन्होंने व्यापक जनहित में मुख्यमंत्री को ऐसे निराधार आरोपों से बचने की सलाह दी.
इसलिए हैं डॉक्टर्स को चिंता
धरना स्थल पर हुई सभा में चिकित्सकों ने सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया कि सरकार अपने संसाधनों से अपने संस्थानों में नागरिकों का स्वास्थ्य का अधिकार दे तो पूरे चिकित्सक समुदाय को खुशी होगी. उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी चिंता इस बिल में बिना सहमति के निजी अस्पतालों को जबरदस्ती शामिल किए जाने पर, एक तरफा पारिश्रमिक और पुनर्भरण राशि तय किए जाने पर, सरकार के ट्रैक रिकार्ड को देखते हुए पुनर्भरण के तौर-तरीकों पर, स्वास्थ्य प्रदाता संस्थान और अभीहित चिकित्सा संस्थान, इमरजेंसी आदि की परिभाषा पर, प्राधिकरण के गठन और तौर-तरीकों पर और शुभेच्छा के नाम पर प्राधिकरण और सरकार को वाद अभियोजन से संगठन प्रदान करने पर है.
चिकित्सकों की ओर से सरकार से इन सब बातों का संज्ञान लिए जाने और विधेयक में उचित संशोधन किए जाने की मांग की गई. यह स्पष्ट रूप से बताया गया कि विधेयक में परिवर्तन के बिना इन सब चिंताओं को सिर्फ नियमों में समायोजित करने पर सहमति नहीं है.
'जब तक काला तब तक ताला'
इस रैली में जहां बच्चे अपने हाथों से पेंटिंग बनाकर लाए और विरोध दर्ज कराया और वहीं उन्होंने अपनी पेंटिंग के माध्यम से सरकार को सीधा मैसेज दिया कि सरकार डॉक्टर्स को परेशान न करें. जब निजी क्षेत्र में ही सरकार का दखल होगा तो कौन से क्षेत्र में कार्य किया जाएगा. रैली के दौरान तख्तियों पर लिखा था- 'नो आरटीएच, जब तक काला तब तक ताला', 'सरकार होश में आओ', 'लोकतंत्र को बचाओ' आदि. वहीं 4 अप्रैल को जयपुर में महारैली का आयोजन किया जा रहा है, इस रैली में कोटा से हजारों की संख्या में चिकित्सक, उनके परिवारजन और चिकित्सकर्मी जाएंगे.
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