RTH Bill Protest: राजस्थान में 'राइट टू हेल्थ बिल' का विरोध कर रहे डॉक्टरों का पक्ष लेते हुए गहलोत सरकार को केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने निशाने पर लिया है. उन्होंने कहा है कि गहलोत सरकार सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए राइट टू हेल्थ बिल आनन-फानन लाई है. गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि बिल के विरोध में निजी डॉक्टर हैं. उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार के फैसले से चिकित्सा ढांचा चरमरा जाएगा. राजस्थान की चिकित्सा व्यवस्था निजी डॉक्टर्स के भरोसे चल रही थी. अब उसको भी सरकार ने तोड़ने-मरोड़ने का काम किया है.
'राइट टू हेल्थ बिल' का विरोध कर रहे डॉक्टरों को समर्थन
गहलोत सरकार की चिरंजीवी योजना पर भी केंद्रीय मंत्री शेखावत ने प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य बीमा योजना की चिरंजीवी योजना में बीमा कवर राशि गरीब परिवारों को 25 लाख मिलेगा, लेकिन पैकेज किसी भी तरीके से लाभप्रद नहीं होगा. मुफ्त दवा योजना की भी यही स्थिति है. ज्यादातर सरकारी अस्पतालों में दवाइयां उपलब्ध नहीं हैं. सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों और स्टाफ की भारी कमी है. ग्रामीण क्षेत्र के प्राथमिक और सामुदायिक केंद्रों की हालत जर्जर है.
गहलोत सरकार पर बरसे केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत
मुख्यमंत्री केवल प्राइवेट डॉक्टरों पर जबरन कानून लाद कर दबाव में लेना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार के फैसले प्राइवेट डॉक्टर उद्वेलित हैं. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एक तरफ अशोक गहलोत मेडिकल टूरिज्म और निरोगी राजस्थान की बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, दूसरी तरफ शांतिपूर्ण तरीके से विरोध दर्ज कराने विधानसभा आ रहे डॉक्टर्स पर लाठियां बरसाई जाती हैं. शेखावत ने कहा कि सरकार की हठधर्मिता की वजह से राजस्थान के लाखों लोग बिना इलाज दर-दर भटकने को मजबूर हैं. जान बचाने वाले डॉक्टर सड़कों पर रैली निकालने को विवश हैं. सरकार को तत्काल डॉक्टरों की बात सुननी चाहिए और जायज मांगों के अनुरूप बिल पर पुनर्विचार करना चाहिए.
RTH Bill Protest: राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में सड़क पर उतरे डॉक्टर, इलाज के लिए भटक रहे मरीज