RTH Bill Protest Doctor Strike in Rajasthan: राजस्थान में राइट टू हेल्थ बिल (Right to Health Bill) के खिलाफ एक तरफ जहां प्राइवेट डॉक्टर्स (Private Doctors) पहले से हड़ताल पर हैं. वहीं अब उनके समर्थन में सरकारी डॉक्टर (Goverment Doctors) भी आगे आए हैं. अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ ने 29 मार्च को पूरे दिन छुट्टी पर रहने की घोषणा की है. इससे प्रदेश के करीब 14 हजार सरकारी डॉक्टर छुट्टी पर रहेंगे. इससे प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित होने की आशंका है. अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ के इस ऐलान से सरकार सकते में है.


क्या कहना है सरकारी डॉक्टरों का


संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर अजय चौधरी ने बताया कि 29 मार्च को सुबह 9:00 बजे से लेकर दिनभर छुट्टी पर रहेंगे. उनका यह भी कहना है कि हम प्राइवेट डॉक्टर्स को समर्थन कर रहे हैं. सरकार के लिए ये बड़ी मुश्किल कर देने वाली घोषणा है.


चरमरा रही है स्वास्थ्य सेवाएं


राजस्थान में राइट-टू-हेल्थ बिल के खिलाफ डॉक्टर्स की हड़ताल से प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्थाएं पूरी तरह से चरमरा गई हैं. जयपुर, जोधपुर,उदयपुर, कोटा मेडिकल कॉलेज से संबधित अस्पतालों और जिला अस्पतालों में रोज जहां सात हजार से अधिक केस आते थे. वहीं डॉक्टरों की हड़ताल के बाद वहां पर 300 से भी कम मरीज आ रहे हैं.


मरीजों की संख्या दिनों दिन कम हो रही है. मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.चूंकि डॉक्टर्स हैं नहीं इसलिए ओपीडी खाली पड़ी है. ग्रामीण क्षेत्रों के साथ ही साथ पूरे प्रदेश में एक जैसी स्थिति बनी हुई है.


क्यों हड़ताल कर रहे हैं डॉक्टर


पिछले कई दिनों से प्रदेश के 2300 से ज्यादा प्राइवेट हॉस्पिटल के संचालक सड़कों पर उतरे हैं. छह दिन से डॉक्टर्स की हड़ताल का प्रदेश में असर दिखने लगा है. बताया जा रहा है कि बिल के पास होने से बड़ा असर और पड़ेगा. डॉक्टर्स का कहना है कि प्राइवेट डॉक्टर के कमाने का अधिकार खत्म हो जाएगा.


ऐसे डॉक्टर्स हॉस्पिटल और क्लीनिक कैसे चला पाएंगे? हड़ताल का असर यह है कि जयपुर के कई प्राइवेट अस्पतालों में इलाज नहीं मिल पा रहा है. अगर इसी तरीके से हड़ताल चलती रही तो. आने वाले दिनों में मरीजों को और परेशानी उठानी पड़ सकती है.


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