Russia-Ukraine War: रूस (Russia) और यूक्रेन (Ukraine) के बीच जंग जारी है. लेकिन, इस बीच भारत (India) के हजारों छात्र यूक्रेन में फंसे हुए हैं. लेकिन, उम्मीद की किरण ये है कि उन्हें जल्द ही रोमानिया (Romania) के रास्ते पोलैंड (Poland) से एयरलिफ्ट किया जाएगा, हालांकि ये आसन नहीं है. राजस्थान (Rajasthan) के अलग-अलग हिस्सों में रहने वाले यूक्रेन में एमबीबीएस कर रहे छात्रों ने अपनी आपबीती बताई है. इन छात्रों में कोई भारतीय एंबेसी के कॉरिडोर में बैठा है तो कोई राशन एकत्र कर अपने फ्लैट पर ही रुक है और कुछ यूनिवर्सिटी के जवाब का इंतजार कर रहे हैं.
क्या कह रहे हैं छात्र
राजस्थान के प्रतापगढ़ (Pratapgarh) जिले की धरियावद तहसील में रहने वाले आर्यन वैरागी यूक्रेन के इवानो-फ्रैंकविस्क शहर में फंसे हुए हैं. वो नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी में द्वितीय वर्ष के छात्र हैं. उन्होंने बताया कि यूक्रेन की राजधानी कीव से 600 किलोमीटर दूर शहर में भी तबाही का मंजर दिख रहा है. पहले पूर्वी हिस्से में ही रूसी हमले की गूंज सुनाई दे रही थी, लेकिन अब देश के पश्चिम हिस्से में भी फाइटर जेट दिखाई दे रहे हैं, जिसके बाद से ही हालात बदल चुके है.
भयावह हो चुके हैं हालात
आर्यन वैरागी ने बताया कि, ''जहां मैं हूं वहां गुरुवार दोपहर से हालात भयावह हो चुके हैं. घरेलू एयरपोर्ट पर हमले हुए. जिसके बाद शहर में स्थित हाइड्रोलाटिक पंप पर बम विस्फोट की आवाज सुनाई दी. रूसी सेना के हमारी लोकेशन से 100 किमी दूर ल्वीव कस्बे तक हमले नजर आ रहे हैं. पहले 2 साल तक कोरोना का मंजर देखा, उससे उभरे ही थे कि भयावह स्थिति सामने आ गई. हम 2 दिन पहले जब सुपर मार्केंट गए, तो किसी तरह से 2 हफ्तें का राशन ले आए, लेकिन तब भी हमें एटीएम से पैसे निकालने और मार्केंट में खरीददारी के लिए घंटो लंबी लाइन में खड़ा होना पड़ा. अब हम भारत लौटने का इंतजार कर रहे है. हमें बताया गया है कि हमें यहां से रोमानिया बॉर्डर पर ले जाने की तैयारी चल रही है, जहां से पोलेंड के रास्ते एयर इंडिया की फ्लाइट के जरिए देश लौटना मुमकिन होगा.''
बंद किए कॉलोनी के प्रवेश द्वार, हालात गंभीत
बांसवाड़ा जिले के बागीदौरा के रहने वाले निर्देश दोसी ने बताया कि, वो टर्नोपिल नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी से मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं. यहां काफी संख्या में भारतीय हैं. उन्होंने बताया कि गुरुवार रात 11 बजे सोए और डेढ़ किमी दूर सिटी सेंटर से सायरन बजा. दोस्तों ने फोन कर बताया कि हाई अलर्ट जारी किया गया है. जल्दी से पास के शेल्टर हाउस (हर आधे किमी परिधि में बनी भूमिगत जगह, जहां सभी इमरजेंसी सुविधाएं उपलब्ध) में पहुंचे. डॉक्यूमेंट और पानी बैग में रखकर निकल गए. करीब 3 बजे दूसरा अलार्म बजा, मतलब स्थितियां ठीक हैं. फिर वापिस कमरों की ओर लौटे. अभी भी रेड अलर्ट है, रूस सभी मिलिट्री बेस तबाह करने की कोशिश कर रहा हैं. टनोंपिल एरिया में एक मिलिट्री बेस और मिलिट्री एयरपोर्ट है जिसपर बमबारी करने का टारगेट है. इस वजह से जिस एरिया में हम रह रहे हैं, वहां रिस्क बढ़ गया है. टर्नोपिल एरिया के लोकल एडमिनिस्ट्रेशन ने हाई अलर्ट मोड जारी कर दिया है. हमारी कॉलोनी के सभी प्रवेश द्वार बंद हैं. यूक्रेन सरकार और प्रशासन ने लोगों को सचेत किया है कि, क्या स्थितियां बन सकती हैं और आपको कैसे तैयार रहना है. प्रशासन बेहतर तरीके से सहयोग कर रहा है.
भारतीय दूतावास में हैं सुरक्षित
डूंगरपुर जिले की जिनी कलाल ने बताया कि वो उजग्रोद यूनिवर्सिटी यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रही हैं. 25 फरवरी को कीव से इंडिया के लिए फ्लाइट थी. 23 फरवरी को उजग्रोद से कीव के लिए निकली थी. 24 फरवरी को यहां पहुंचने पर पता चला कि एयरपोर्ट को बंद कर दिया है. अब वापस उजग्रोद जाना भी मुश्किल था. रेलवे स्टेशन पहुंच गए, लेकिन यहां भी सब बंद था. अचानक रूस के हमले के बाद कीव को बंद कर दिया गया जिलके बाद रेलवे स्टेशन पर बहुत से लोग एकत्रित हो गए. इस दौरान दूसरे स्टूडेंट भी आ गए. पैदल जाने की सोच रहे थे लेकिन एक टैक्सी मिल गई. जिसने सभी को भारतीय दूतावास छोड़ दिया. यहां पर करीब 350 स्टूडेंट हैं और सुरक्षित हैं, स्टूडेंट की संख्या लगातार बढ़ रही है. सड़क पर कर्फ्यू लगा है. उजग्रोद से कीव की दूरी करीब 800 किलोमीटर है. भारतीय दूतावास में समय पर खाना मिल रहा है. वीडियो कॉल के जरिए लगातार परिवार से बात हो रही है. भारतीय दूतावास पूरी तरह से पैक है. बाहर फायरिंग चल रही है. अब यहां से इंडिया आने की उम्मीद कर रहे हैं.
18 हजार भारतीय
छात्रों ने बताया कि यूक्रेन के अलग-अलग राज्यों में करीब 18 हजार छात्र हैं जिसमें से करीब 500 को निकाला जा चुका है. एक साथ बॉर्डर से निकालना इतना आसान नहीं है. सभी भारतीय बच्चों से रजिस्ट्रेशन करवा लिया गया है, ताकि दिक्कत ना हो.
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