Russia Ukraine War: यूक्रेन और रूस की जंग के असर से राजस्थान भी अछूता नहीं रहा. राजस्थान से बड़ी संख्या में छात्र यूक्रेन और रूस मेडिकल की पढ़ाई करने जाते हैं. छह साल की मेडिकल पढ़ाई पूरी कर भारत आने पर नेशनल बोर्ड ऑफ एक्जामिनेशन (NBE) की  एफएमजीई (FMGE) परीक्षा में छात्रों को बैठना होता है. परीक्षा पास करने के बाद एक साल की फ्री इंटर्नशिप करनी पड़ती है. इंटर्नशिप के बाद छात्रों को एमबीबीएस की डिग्री दी जाती है. सामान्य तौर पर एक साल फ्री इंटर्नशिप करने के बाद छात्रों को एमबीबीएस की डिग्री मिल जाती थी. लेकिन दोनों देशों के बीच की लड़ाई से बड़ा बदलाव आ गया है. मेडिकल छात्रों ने बातचीत में कई मुश्किलों का जिक्र किया. 


जंग के बाद इंटर्नशिप की बढ़ी अवधि


जयपुर के दूदू निवासी गजेंद्र चौधरी बताते हैं कि यूक्रेन और रूस की लड़ाई से बहुत नुकसान हुआ है. गजेंद्र चौधरी यूक्रेन के कीव मेडिकल विश्वविद्यालय (Kyiv Medical University) में पढ़ाई कर रहे थे. लड़ाई के बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. उन्होंने एफएमजीई की परीक्षा पास कर ली है. इसी साल एमबीबीएस की डिग्री भी मिल गई है. गजेंद्र का कहना है कि पहले एक साल की फ्री इंटर्नशिप में काम हो जाता था, इस बार दो साल की करनी पड़ी. गजेंद्र लड़ाई के दिन को याद करते हुए बताते हैं कि कीव में बड़ा मुश्किल दौर हो गया था. ट्रेन के जरिए कीव से निकले थे. उसके बाद भारत सरकार की मदद मिली. लड़ाई से समय और पैसा दोनों नुकसान हुआ है. रिश्तेदार भी उस दौरान तंज कसने लगे थे. अब सब ठीक हो गया है.  




समय और पैसा दोनों की हुई बर्बादी


शहबाज खान और मोसिम खान दोनों भाई यूक्रेन के कीव मेडिकल विश्वविद्यालय में पढ़ाई कर रहे थे. लड़ाई के दौरान उनका मात्र तीन साल का कोर्स बचा हुआ था. जंग की वजह से दोनों की परेशानी बड़ी हो गई थी. शहबाज खान को जंग के दिनों की याद से डर लगता है. शहबाज नागौर जिले के रहने वाले हैं. उनका भी कहना है कि पहले एक साल के लिए फ्री इंटर्नशिप होती थी अब दो साल की हो गई है. शहबाज भारत सरकार के तर्क का हवाला देते हैं. उन्होंने बताया कि यूक्रेन में जंग की वजह से मेडिकल की पढ़ाई कम हो पाई है. इसलिए अब इंटर्नशिप की अवधि बढ़ा दी गई है. शहबाज खान और मोसिम खान दोनों का मानना है कि लड़ाई नहीं होने से करीब तीन लाख रुपये की बचत हो जाती. लड़ाई के चलते पैसे ज्यादा खर्च हुए. परिवार को परेशानी अलग से हुई. अब दोनों भाइयों को एमबीबीएस की डिग्री मिल चुकी है. 




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