Rajasthan News: राजस्थान में कांग्रेस के मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद डोटासरा (Govind Dotasra) का बयान वायरल हो रहा है. उन्होंने सचिन पायलट और अशोक गहलोत को लेकर कहा कि सीएम बनने की चाहत मन में थी लेकिन उन्होंने कोई लड़ाई नहीं की. अशोक गहलोत को सीएम बनाया गया तो सबने स्वीकार किया. बीजेपी की साजिश के बाद भी पांच साल सरकार चली.
गोविंद डोटासरा ने 'एक खबर' से बातचीत में कहा, ''मन में रखते हैं. मन में रखनी चाहिए मैं बनूं, मैं बनूं, मैं बनूं. लड़ते थोड़ी हैं. मन में रखने में कोई बुराई थोड़ी है. लड़ता कोई नहीं है. अशोक गहलोत को सीएम बनाया गया, सबने माना. बीजेपी ने काफी प्रयत्न किया, षड्यंत्र किए लेकिन पांच साल सरकार चली.''
हरियाणा में भी सीएम के कई चेहरे
गोविंद डोटासरा से यह सवाल ऐसे वक्त में पूछा गया जब वह हरियाणा के दौरे पर थे और कांग्रेस प्रत्याशी के लिए प्रचार कर रहे थे. जहां कांग्रेस के भीतर सीएम के चेहरे को लेकर कई नाम सामने आ रहे हैं. अंदरूनी खींचतान की भी चर्चाएं चल रही हैं. कुछ दिन तक कुमारी सैलजा प्रचार से भी दूर रहीं जिनका नाम भी सीएम पद की रेस में माना जा रहा है.
जब सचिन पायलट को लेकर हुआ विवाद
वहीं, राजस्थान की बात करें तो कांग्रेस के पूरे पांच साल के कार्यकाल में अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच खींचतान की खबरें आती रहीं. 2020 में सचिन पायलट ने डिप्टी सीएम पद छोड़ दिया. उनके करीबी मंत्रियों को भी कैबिनेट से हटा दिया गया था. सचिन पायलट कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष थे. उनकी जगह गोविंद डोटासरा को कमान दी गई थी. हालांकि चुनाव साल 2023 में सचिन पायलट ने पदयात्रा कर शक्ति प्रदर्शन किया था. वहीं, कांग्रेस हाईकमान से मुलाकात के बाद मुद्दे सुलझा लिए गए थे.
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