Rajasthan Congress Crisis: राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस की अंदरूनी रार नहीं थम रही है. माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच जारी रार का नुकसान आगामी चुनाव में पार्टी को हो सकता है. अपनी रैलियों और सभाओं में सीएम अशोक गहलोत लगातार इस मुद्दे को उठा रहे हैं कि कैसे उनकी सरकार गिराने की कोशिशें हुई हैं. इस बीच पायलट की चुप्पी के तमाम मायने निकाले जा रहे हैं.


इस बीच राजस्थान कांग्रेस के नेता और राज्य के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट मंगलवार को प्रेस वार्ता करेंगे. पायलट की प्रेस वार्ता ऐसे वक्त में हो रही है जब बीते दिनों राज्य के सीएम अशोक गहलोत ने दावा किया था कि पार्टी के विधायकों ने सरकार के गिराने के लिए करोड़ों रुपये लिए. गहलोत ने दावा किया था कि उन्होंने पैसा लेने वाले विधायकों से कहा था कि वह पैसे वापस कर दें. अगर कुछ खर्च कर दिया है तो वह कांग्रेस से पैसे दिलवा देंगे.


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उपवास के मुद्दों पर भी उठाएंगे सवाल?
हालांकि गहलोत के इस बयान का पार्टी के कई नेताओं और विधायकों ने विरोध किया था. गहलोत ने अपने बयान में पायलट का नाम नहीं लिया लेकिन यह कहने से नहीं चूके की पैसों के दम पर उनकी सरकार गिराने की साजिश रची गई लेकिन उन्होंने परिस्थिति को संभाल लिया. उधर, मंगलवार को प्रस्तावित प्रेस वार्ता में माना जा रहा है कि पायलट इन आरोपों का जवाब देंगे या फिर जांच की मांग कर सकते हैं.


साल 2013 से साल 2018 के दौरान राज्य में वसुंधरा राजे की अगुवाई में भारतीय जनता पार्टी की सरकार के दौरान हुए कथित घोटालों की जांच की मांग को लेकर पायलट ने बीते महीने एक दिवसीय उपवास किया था. हालांकि उन्हें इस कदम का पार्टी के भीतर ही विरोध का सामना करना पड़ा था. माना जा रहा है कि पायलट अपनी प्रेस वार्ता में अपने उपवास के दौरान उठाए गए मुद्दों पर कोई एक्शन होने को लेकर भी सरकार से सवाल कर सकते हैं.