Rajasthan News: सचिन पायलट (Sachin Pilot), गोविंद सिंह डोटासरा और अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) लोकसभा चुनाव नहीं लड़ रहे हैं. इसपर सचिन पायलट ने कहा कि वह निर्णय और केंद्रीय चुनाव समिति द्वारा चुनाव में सभी की भूमिका को ध्यान में रखते हुए किया गया था. उन्होंने कहा कि उम्मीदवार के चयन पर अंतिम निर्णय सीईसी का होता है. पार्टी ने यह निर्णय लिया.
पीटीआई से बातचीत में सचिन पायलट ने कहा कि पार्टी तय करती है कि लोगों को क्या भूमिका निभानी है. एआईसीसी ने फैसला किया कि ये सबसे अच्छे उम्मीदवार हैं. उन्होंने कहा ‘‘मैं (राजस्थान में) अपने सभी उम्मीदवारों के लिए जिम्मेदार हूं. मीडिया में कभी-कभी ऐसा लगता है कि वह इस गुट या उस गुट का है, ऐसा बिल्कुल नहीं है. हर कांग्रेस उम्मीदवार हमारा उम्मीदवार होता है, हमें उनकी जीत सुनिश्चित करने के लिए समर्पित तरीके से काम करना होगा.’’
कांग्रेस के सामने क्या है चुनौती? पायलट ने बताया
सचिन ने कहा कि कांग्रेस ने 2019 के लोकसभा चुनाव या उससे पहले के चुनावों में अपना खाता नहीं खोला था, इसलिए पार्टी के सामने चुनौती बनी हुई है. पायलट ने कहा कि उन्हें जो फीडबैक मिला है वह यह है कि कांग्रेस इस बार राजस्थान में 'बहुत अच्छा' करेगी क्योंकि लोग 'तंग आ चुके हैं और बदलाव चाहते हैं.’' उन्होंने कहा, ‘‘लोग इन दिनों खुलकर अपनी राय नहीं रखते लेकिन मतदान के दिन वे कांग्रेस को वोट देंगे.’’
चुनाव के बाद तय होगा पद- सचिन पायलट
कांग्रेस महासचिव ने यह भी कहा कि नौकरियों की कमी और 'कृषि संकट' चुनाव में प्रमुख मुद्दे होंगे. पीएम मोदी के अजेय होने संबंधी दावे के बारे में पूछे जाने पर सचिन पायलट ने 2004 के लोकसभा चुनाव का उदाहरण देते हुए कहा कि कोई भी अजेय नहीं है. उन्होंने कहा, ‘‘2004 में अटल बिहारी वाजपेयी जी ने ‘इंडिया शाइनिंग’ (भारत उदय) का अभियान चलाया था. उस समय हमने प्रधानमंत्री पद के चेहरे आदि की घोषणा नहीं की थी. हमने इस बार भी ऐसा नहीं किया क्योंकि विचार यह है कि लोगों के सामने दो विकल्प हों - ‘इंडिया’ और एनडीए है. ‘इंडिया’ गठबंधन ने फैसला किया है कि हम चुनाव में जनादेश हासिल करने के बाद तय करेंगे कि किसे कौन सा पद मिलेगा.’’
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