Rajasthan: पायलट समर्थक MLA भरत सिंह का CM गहलोत पर तंज- 'भ्रष्टाचार की खोज करते पहुंच गए गंगोत्री...'
Rajasthan Election 2023: सांगोद सीट से कांग्रेस विधायक भरत सिंह कुंदनपुर अपनी ही सरकार पर हमलावर हैं. उन्होंने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर एकबार फिर सीएम गहलोत और उनके मंत्रियों को घेरा है.
Rajasthan News: कोटा (Kota) के सांगोद विधानसभा (Sangod Assembly) से विधायक और पूर्व मंत्री भरत सिंह कुंदनपुर (Bharat Singh Kundanpur) के तेवर तीखे होते जा रहे हैं, वह अब प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधवा (Sukhjinder Singh Randhawa) और सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) को सीधा टारगेट कर रहे हैं. भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी मुहिम में वह बार-बार खनन और गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया को आड़े हाथों लेते हैं, लेकिन भाया उनके किसी भी सवाल का कोई जवाब नहीं देते.
इस बार भी विश्व रिकॉर्ड बनाने वाले सर्वधर्म निशुल्क विवाह सम्मेलन और उसमें आने वाले नेताओं पर भरत सिंह ने कटाक्ष किया है. उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार की गंगा की खोज करते करते मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आखिर गंगोत्री पहुंच गए. भरत सिंह ने सीएम को लिखे पत्र में कहा कि वर्ष 2019-20 में वर्तमान कांग्रेस सरकार का प्रथम बजट पेश करते समय आपने प्रश्न किया था कि प्रदेश में भ्रष्टाचार की गंगा किसने बहाई. बापू के सिद्धांतों पर अमल करते हुए उनके सपनों को साकार करने की बात भी उनकी 150 वीं जयंती पर अपने बजट भाषण में की थी.
भ्रष्टाचार को आशीर्वाद दे रहे सीएम- भरत सिंह
26 मई 2023 को बारां में भाया द्वारा आयोजित महाकुंभ में जाकर आपने यह साबित कर दिया कि ईमानदारी की दुहाई देने वाले प्रदेश का मुख्यमंत्री स्वयं खुलेआम भ्रष्टाचार को आशीर्वाद प्रदान करते हैं. बीते दिनों अपने एक बयान से विवाद पैदा कर दिया था जब उन्होंने कांग्रेस कार्य़कर्ताओं से अपील की थी कि वे पार्टी के हित में टॉयलेट को छोड़कर पायलट से जुड़ें.
गजब है भाया और भाया की माया- भरत सिंह
भरत सिंह ने पत्र में आगे कहा, ' गजब है भाया और भाया की यह माया, भाया ने इतिहास रच डाला. जैन तीर्थ बनाया, सर्वजातीय नि:शुल्क सामूहिक विवाह सम्मेलन रच दिया, गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज होगा, बारां का नि:शुल्क विवाह सम्मेलन, धन्य है. श्री महावीर गौशाला सेवा संस्थान, धन्य है प्रदेश का गौपालन मंत्री, धन्य है प्रदेश के मुख्यमंत्री भाया रे भाया तूने खूब खाया.' अंत उन्होंने संत कबीर के दोहे से अपनी चिट्ठी का समापन किया.
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