Sachin Pilot on Ashok Gehlot: राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले 'गहलोत बनाम पायलट' की राजनीति ने बड़ा मोड़ ले लिया है और कांग्रेस की चिंता को बढ़ा दिया है. कुछ महीनों पहले ही भारत जोड़ो यात्रा के समय राहुल गांधी राजस्थान आए थे और उस समय कांग्रेस ये दिखाने का प्रयास कर रही थी कि पार्टी एकजुट है. लेकिन, हाल ही में दिए गए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान और फिर सचिन पायलट की प्रेस कांफ्रेंस ने ये साफ हो गया कि कांग्रेस में सब कुछ ठीक तो नहीं है. 


7 मई को अशोक गहलोत ने अपने ही मंत्रियों और विधायकों पर आरोप लगाया कि उन्होंने अमित शाह से 10-10 करोड़ रुपये लिए हैं. सीएम ने विधायकों को ये पैसे लौटाने की हिदायत भी दी. सीएम गहलोत के बयान के बाद 2 दिन तक सचिन पायलट ने शांति बनाए रखी, लेकिन फिर बीते मंगलावर प्रेस वार्ता के जरिए उन्होंने गहलोत के सभी आरोपों का जवाब दिया. इतना ही नहीं, राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार पर करप्शन का आरोप भी लगाया और इसके खिलाफ जनसंघर्ष पद यात्रा निकालने का एलान कर दिया.


'पैसे के दम पर चलती है गहलोत की राजनीति'
वहीं, बीजेपी से 10 करोड़ रुपये लेने के आरोपों का भी सचिन पायलट ने पलटवार किया. उन्होंने कहा कि आरोप लगाने को तो कोई भी लगा सकता है.  अगर तथ्य साफ हैं तो कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई? सचिन पायलट ने अशोक गहलोत पर आरोप लगाते हुए कहा कि जिनकी राजनीति सिर्फ पैसों के दम पर ही चली हो, उन्हें केवल पैसा दिखता है. इसका कोई इलाज नहीं है. 


वसुंधरा राजे से दोस्ती और कांग्रेस सरकार में भ्रष्टाचार का आरोप
इतना ही नहीं, अशोक गहलोत सरकार पर भ्रष्टाचार के संगीन आरोप लगाते हुए सचिन पायलट ने कहा कि वह डेढ़ साल से अपनी सरकार को चिट्ठी लिख रहे हैं ताकि राजे के कार्यकाल में भ्रष्टाचार की जांच हो सके, लेकिन अशोक गहलोत इसपर कोई एक्शन नहीं ले रहे. एक तरफ सीएम कहते हैं कि बीजेपी ने कांग्रेस की सरकार गिराने की कोशिश की, दूसरी तरफ कह रहे हैं कि वसुंधरा ने कांग्रेस की सरकार बचाई. उनके इस बयान से साफ होता है कि तत्कालीन वसुंधरा राजे सरकार में करप्शन के मामलों की जांच क्यों नहीं कराई जा रही है. 


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