Rajasthan Politics: चुनाव से पहले सचिन पायलट का दांव? माली और सैनी समाज के आरक्षण पर सरकार से कर दी बड़ी मांग
Rajasthan Reservation Protest: पिछले 12 दिन से सैनी आरक्षण संघर्ष समिति द्वारा जारी आंदोलन मंगलवार को स्थगित हो गया है. अब इनकी मांग पर सीएम ने सर्वे करने के निर्देश दिए हैं. रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई होगी.
Sachin Pilot on Rajasthan Reservation Protest: राजस्थान में चुनाव से पहले अब एक बार फिर जातियों के सम्मेलन और आरक्षण की मांग तेजी पकड़ने लगा है. ऐसे में हर नेता अपनी-अपनी पकड़ को मजबूत बनाने के लिए सभी दांव-पेंच पर ध्यान दे रहा है. पिछले 12 दिन से सैनी आरक्षण संघर्ष समिति द्वारा जारी आंदोलन मंगलवार को स्थगित हो गया है. भरतपुर-आगरा हाइवे पर आंदोलनकारी डटे हुए थे. अब इनकी मांग पर सीएम ने सर्वे करने के निर्देश दिए हैं. उसके बाद रिपोर्ट के आधार पर आयोग आगे की कार्रवाई करेगा.
हालांकि, इससे पहले पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने खुद सीएम से इस मसले का हल निकालने की मांग की थी. इसके पीछे कई मायने निकाले जा रहे थे. दरअसल, सचिन पायलट टोंक से विधायक हैं और टोंक में माली और सैनी समाज की अच्छी उपस्थिति है. निवाई में भी सैनी समाज के हजारों वोटर्स हैं. पायलट की मांग के पीछे इसे भी जोड़कर देखा जा रहा है. वहीं, कुछ दिन पहले गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय बैंसला ने टोंक में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके सैनी समाज को आरक्षण देने की बात कही थी, लेकिन उन्होंने सरकार को चेताया था कि एमबीसी समाज को मिले आरक्षण में कोई छेड़छाड़ न की जाए. इसके बाद से इसे कई एंगल से जोड़कर देखा जा रहा है.
आंदोलन स्थगित होने पर क्या बोले अध्यक्ष?
सैनी आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक मुरारी लाल सैनी ने बताया कि आयोग ने प्रदेश के सभी कलेक्टरों को 10 दिन में अपनी रिपोर्ट सौंपने के आदेश दिए हैं. जहां सभी कलेक्टर अपने जिलों में सैनी, माली, कुशवाहा समाज के लोगों का सर्वे कर एक रिपोर्ट तैयार करेंगे और इसके बाद आयोग आगे की कार्रवाई करेगा.
सचिन पायलट ने की थी मांग
सचिन पायलट ने कहा था, 'बीते कुछ दिनों से आरक्षण की मांग को लेकर सैनी, माली, कुशवाह, शाक्य एवं मौर्य समाज के लोग संघर्षरत हैं. मेरा राज्य सरकार से आग्रह है कि इन समाजों के आर्थिक एवं सामाजिक विकास के हित को देखते हुए संवैधानिक व्यवस्थाओं के अनुरूप जल्द इस मामले का संतोषजनक हल निकालें.'
पूर्वी राजस्थान में है इनका प्रभाव
टोंक जिले में पत्रकारिता कर रहे रामनिवास लांगडी का कहना कि माली और सैनी समाज का टोंक में ज्यादा वोट नहीं है. इसलिए यहां कोई असर नहीं पड़ने वाला, लेकिन सचिन पायलट ने सैनी, माली के लिए आवाज उठाकर पूर्वी राजस्थान में एक बड़ा संदेश दिया है. क्योंकि पूर्वी राजस्थान के कारौली, भरतपुर और अन्य जिलों में इनका बड़ा असर है.
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