Rajasthan Congress Crisis: सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने जयपुर के शहीद स्मारक पर 11 अप्रैल को एक दिन का अनशन किया था. इसके ठीक एक महीने बाद 11 मई को वो 'जन संघर्ष यात्रा' पर निकल रहे हैं. अजमेर से जयपुर तक की उनकी यह यात्रा 11 मई से शुरू होकर 15 मई तक चलेगी. सचिन पायलट ने इसका पोस्टर बुधवार को जारी किया. इसमें सोनिया गांधी की तो तस्वीर है, लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की तस्वीर नहीं है.


'जन संघर्ष यात्रा' के पोस्टर पर किसकी तस्वीरें हैं


सचिन पायलट की ओर से जारी पोस्टर में सोनिया की तस्वीर का इस्तेमाल हुआ है. उनके अलावा पोस्टर के एक तरफ महात्मा गांधी, डॉक्टर आंबेडकर और भगत सिंह  की तस्वीर है. दूसरी ओर इसपर जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी और सोनिया गांधी की तस्वीर है.इसमें सोनिया गांधी की तो तस्वीर है, लेकिन यह पता नहीं है कि इस यात्रा के लिए हाई कमान से इजाजत ली गई है या नहीं. इसके अलावा इस पोस्टर में न तो कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की तस्वीर है न राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की. 


इस पोस्टर में कांग्रेस के चुनाव निशान की जगह बंद मुट्ठी की फोटो है. इससे सवाल यह उठता है कि पोस्टर में कांग्रेस का चुनाव चिन्ह का इस्तेमाल न कर क्या संकेत देने की कोशिश की गई है? चुनावी समय में पोस्टर सोनिया की तस्वीर और कांग्रेस का चुनाव चिन्ह न होना विरोधाभासी है. सवाल यह भी है कि नाराजगी अगर सिर्फ गहलोत से है तो पार्टी के बाकी नेताओं को दरकिनार क्यों कर दिया गया?


एक दिन के उपवास का पोस्टर


सचिन पायलट ने जब जयपुर में एक दिन का उपवास किया था तो उसके पोस्टर में सिर्फ गांधी जी की तस्वीर थी. उस पर कई कांग्रेस नेताओं का कहना था कि अगर उपवास वसुंधरा सरकार के खिलाफ हुआ कतित घोटालों की जांच की मांग को लेकर है तो वहां कांग्रेस के किसी नेता की तस्वीर क्यों नहीं ? ऐसे में नए पोस्टर में सोनिया की तस्वीर के क्या मायने हैं?


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