Rajasthan: 'सचिन पायलट की टाइमिंग गलत', जन संघर्ष यात्रा पर बोले सुखजिंदर सिंह रंधावा, कहा- 'बहुत ज्यादा एग्रेसिव होना ठीक नहीं'
Rajasthan politics: राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट के दिल और दिमाग में कांग्रेस है.
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Rajasthan News: कर्नाटक विधानसभा चुनाव परिणाम कांग्रेस के पक्ष में आने के बाद में पार्टी के राजस्थान प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने एबीपी लाइव से बातचीत में कहा कि यह खुशी की बात है. कर्नाटक में कांग्रेस ने एकजुट होकर चुनाव लड़ा, उसी का परिणाम है कि कांग्रेस की वहां पर जीत हुई है. उन्होंने पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को बधाई देते हुए कहा कि यह एक बड़ी जीत है. कांग्रेस को उस समय जीत मिली है, जब पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह लगातार वहां जाकर कांग्रेस नेतृत्व पर सीधे हमला बोल रहे थे. कुछ समय पहले राहुल गांधी को संसद तक से निकाल दिया गया. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी पर निजी हमले भी बोले जा रहे थे.
उन्होंने यह पूछे जाने पर अगले कुछ महीनों में राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव होने हैं. राजस्थान कांग्रेस के आप प्रभारी हैं. आपको नहीं लगता कि मिल जुलकर चुनाव लड़ने में ही पार्टी की भलाई है. इसके जवाब में उन्होंने कहा कि पार्टी के नेताओं के बीच एकता का सुखद परिणाम यह रहा कि हम पहले हिमाचल प्रदेश में चुनाव जीते. अब कर्नाटक में चुनावी जीत मिली है. हम लोग राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भी एकजुटता के साथ ही चुनाव लड़ेंगे. आप लोग चिंता नहीं करेंगे, कांग्रेस तीनों राज्य में अच्छा परफार्म करेगी.
सचिन थोड़ा इंतजार करें
इस पर जब उनसे यह पूछा गया कि ऐसा कैसे हो सकता है? आप राजस्थान के प्रभारी है. वहां पर पार्टी के दो शीर्ष नेता यानी सीएम अशोक गहलोत और युवा नेता सचिन पायलट एक-दूसरे के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं. इस पर रंधावा ने कहा कि सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट के दिल और दिमाग में कांग्रेस है. सीएम गहलोत के पास एआईसीसी का तजुर्बा भी है. वो हमसे से भी सीनियर लीडर हैं. जहां तक सचिन पायलट की बात है तो जनसंघर्ष यात्रा उनकी निजी यात्रा है. उनके यात्रा की टाइमिंग गलत है. उन्होंने उस समय ये यात्रा शुरू की जब कर्नाटक का चुनाव परिणाम आना बाकी था. उन्हें कुछ दिन इंतजार करना चाहिए था. इस यात्रा को लेकर सबसे पहले कांग्रेस से बात करनी चाहिए थी, लेकिन वो कभी कभार बहुत एग्रेसिव हो जाते हैं. एग्रेसिव होना ठीक है, लेकिन बहुत एग्रेसिव होना ठीक नहीं है.
कांग्रेस के प्रति लॉयलटी अहम
खुद के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि इससे पहले मैं, पंजाब सरकार में डिप्टी सीएम रहा. अब मैं राजस्थान कांग्रेस प्रभारी हूं. कहने का मतलब यह है कि पार्टी नेतृत्व आपकी जिम्मेदारियों में जरूरत के हिसाब से फेरबदल करता रहता है. इस बीच उन्होंने एक बार फिर सचिन का जिक्र करते हुए कहा कि मेरे फादर और सचिन के फादर बेस्ट फ्रेंड थे. दोनों परिवार के बीच आज भी अच्छे रिलेशन हैं. सचिन मेरे छोटे भाई की तरह हैं. मैं, उन्हें अपने साथ लेकर चलने की कोशिश करूंगा. सचिन की शिकायतों को लेकर मैं उनसे बैठकर बात करूंगा, लेकिन पहले क्या हुआ, उस पर बातचीत संभव नहीं है. ऐसा इसलिए कि पहले के मुद्दों को कुरेदने से मामला और बिगड़ जाएगा. कांग्रेस में जो लॉयल है, उसे जिम्मेदारी जरूर मिलती है. सचिन की अभी उम्र है. उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है. उनके पास समय नहीं है.
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