Sachin Pilot on BJP: राजस्थान की सियासत में सक्रिय कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने शुक्रवार को अजमेर संभाग में बीजेपी पर जमकर निशाना साधा. लोकसभा चुनाव परिणामों पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए बीजेपी और कांग्रेस के मतों में आए अंतर को जनता की जीत बताया.


उनका मानना है कि धर्म के नाम पर की गई राजनीति के कारण ही देश में मोदी और बीजेपी का ग्राफ गिरा. पायलट जयपुर से जालौर जाते वक्त अजमेर और ब्यावर में रुके थे. यहां स्थानीय कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उनके समर्थन में नारेबाजी के बीच गर्मजोशी से स्वागत किया.


बीजेपी ने बढ़ाई अमीर-गरीब की खाई
पायलट ने मीडिया से बातचीत में कहा कि देश में इस बार जो लोकसभा चुनाव हुए उस पर पूरी दुनिया की नजर थी. दुनिया देखना चाहती थी कि लोग किस तरह की राजनीति को पसंद करते हैं. 10 साल से बीजेपी के शासन में सिर्फ भाषण, प्रचार, प्रोपोगेंडा और झंडे-बैनर की राजनीति थी. बीते दस साल में अमीर-गरीब की खाई बढ़ी है. सरकार ने चंद पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाया है.


अप्रत्याशित बेरोजगारी और महंगाई बढ़ी है. यह बेहद चिंता का विषय है. भारत के अधिकांश लोग महंगाई और बेरोजगारी से परेशान थे, यही वजह है कि सरकार के खिलाफ मतदान हुआ और परिणाम सभी के सामने हैं. बीजेपी का संख्याबल 303 था, आज 60-70 सांसद कम हो गए हैं. एनडीए ने 400 का दावा किया था लेकिन दो सौ कुछ पर आकर ही अटक गए.


जहां मंदिर बनाया वहां भी हारे
पायलट ने आरोप लगाया कि बीजेपी हर बार राम के नाम पर वोट बटोरने का काम करती रही. इस बार उत्तर प्रदेश और अयोध्या में बीजेपी हारी है. जिस शहर में मंदिर बनाया वहां भी समाजवादी पार्टी जीती है.


अयोध्या में बीजेपी की करारी हार से स्पष्ट है कि जनता ने धर्म के नाम पर हो रही राजनीति को पूरी तरह से नकार दिया है. यह संदेश है कि देश के नौजवान, किसान और आमजन धर्म के नाम पर राजनीति को पसंद नहीं करते हैं. राजनीति होती है सिद्धांत की, संविधान की, प्रगति की, विकास की, योजना की, उद्योग की और निवेश की. बीजेपी राजनीति कर रही है हिंदू की, मुसलमान की, मंगलसूत्र की, मंदिर-मस्जिद की, उसे नौजवान और अधिकांश लोग पसंद नहीं करते हैं. यह बात अब बीजेपी को समझ आ गई होगी.


'जनता ने बीजेपी को सिखाया सबक'
सचिन पायलट ने कहा,  ''देश की जनता बीजेपी की हकीकत जान गई है. झूठ फरेब की राजनीति करने वाली बीजेपी को जनता ने लोकसभा चुनाव में सबक सिखाया है कि अब छल-कपट की राजनीति नहीं चलेगी. सरकार की दमनकारी नीति, विपक्ष को खत्म करने की नीति, संवादहीनता और संवेदनहीनता को जनता ने नापसंद किया है. राजस्थान में भी 11 सीटों पर बीजेपी की हार हुई.''


कांग्रेस ने विकास के मुद्दों पर चुनाव लड़ा और बेहतर नतीजे आए. अच्छे प्रत्याशियों के चयन, घोषणा पत्र, प्रचार, राहुल गांधी की पदयात्रा, प्रियंका गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे की सभाओं और सामूहिक प्रयासों से कांग्रेस को बेहतर लाभ मिला. बीजेपी और सत्ता में बैठे नेताओं को अपनी गिरेबान में झांकना चाहिए और हार से सबक लेकर मंथन करना चाहिए कि कहां कमी रही.


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