राजस्थान के भरतपुर जिले की नदबई तहसील के अरौदा गांव के पास पिछले 8 दिन से सैनी ,माली ,कुशवाहा,मौर्य और शाक्य समाज का धरना जारी है. जयपुर-आगरा नेशनल हाइवे पर चक्का जाम आंदोलन जारी है. आंदोलनकारी सैनी ,माली ,कुशवाहा,मौर्य और शाक्य समाज के लिए 12 फीसदी आरक्षण की मांग कर रहे हैं.प्रदर्शनकारियों ने शुक्रवार को प्रदेश सरकार के मंत्री भजन लाल जाटव के पोस्टर पर कालिख पोत कर किया प्रदर्शन. उनका कहना था कि आगामी विधानसभा चुनाव में सैनी समाज भजन लाल जाटव को वोट नहीं देगा.
अशोक गहलोत के मंत्री से क्यों नाराज हैं सैनी समाज के प्रदर्शनकारी
सैनी समाज के आंदोलनकारी जिस क्षेत्र में चक्का जाम कर रहे हैं, वह क्षेत्र राजस्थान की कांग्रेस सरकार के कैबिनेट मंत्री भजन लाल जाटव के विधानसभा क्षेत्र में आता है. आंदोलनकारियों ने मंत्री भजन लाल जाटव से नाराजगी जताते हुए शुक्रवार को उनके पोस्टर पर कालिख पोत कर नारेबाजी करते हुए मंत्री के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया.प्रदर्शनकारियों ने पोस्टर को जूतों की माला पहना कर विरोध-प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों का कहना था कि सभी मंत्री और विधायकों का यहां स्वागत है, लेकिन मंत्री भजन लाल जाटव जिनके विधानसभा क्षेत्र में हम आंदोलन कर रहे हैं, वह हमारे बीच नहीं आए है और ना हमारी समस्या को सुना है. इससे समाज में नाराजगी है.प्रदर्शनकारियों ने ऐलान किया गया कि भविष्य में किसी भी चुनाव में मंत्री भजन लाल जाटव को सैनी समुदाय वोट नहीं देगा.
अब किस मांग पर अड़े हुए हैं सैनी समाज के प्रदर्शनकारी
आंदोलनकारियों की 15 सदस्यीय कमेटी के साथ 25 अप्रैल को जयपुर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ वार्ता हुई थी. यह वार्ता सफल हुई थी, लेकिन उसी दिन आंदोलनस्थल पर एक प्रदर्शनकारी मोहन सिंह ने पेड़ से फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली. उसके बाद से आंदोलनकारी मोहन सिंह सैनी के परिवार को एक करोड़ रुपये की सरकारी सहायता और सरकारी नौकरी दिलाने की मांग पर अड़े हुए हैं. मोहन का शव चार दिन से जिला अस्पताल की मोर्चरी में रखा हुआ है. उसके परिजन आंदोलन स्थल पर जमे हुए हैं. वे मोहन सिंह का शव लेने नहीं आ रहे हैं. सैनी समाज के आंदोलनकारियों की मांग है कि जब तक मृतक के परिजनों को आर्थिक सहायता और सरकारी नौकरी सरकार नहीं देती है, तब तक आंदोलन जारी रहेगा.
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