Watch: चिलचिलाती धूप और अग्नि के घेरे के बीच जनवरी से तपस्या में लीन हैं ये संत, ईश्वर से बस यही है एक मांग
Udaipur News: गहन तपस्या में लीन संत का दर्शन और दीदार करने दूर-दूर से भक्त पहुंच रहे हैं. उनकी बस एक ही मांग है कि दुनिया में जो तापमान बढ़ रहा है वह कम और जगत का कल्याण हो.
Udaipur News: जनता की भलाई के लिए उदयपुर में एक संत फकीर जनवरी से तपस्या में लीन हैं. भगवान जनता पर मेहबान हो जाएं इसके लिए ये संत भीषण गर्मी और चिलचिलाती धूप और अग्नि के बीच तपस्या कर रहे हैं. उनकी बस एक ही मांग है कि दुनिया में जो तापमान बढ़ रहा है वह कम और जगत का कल्याण हो.
संत के दर्शन के लिए दूर-दूर से पहुंच रहे भक्त
गहन तपस्या में लीन संत का दर्शन और दीदार करने दूर-दूर से भक्त पहुंच रहे हैं. साधू ने अपनी तपस्या के लिए उदयपुर की झाड़ोल तहसील के खाखड़ गांव के पास गोपेश्वर महादेव मंदिर के नजदीक आश्रम को चुना है. संत तुलसिगिरी महाराज इसी आश्रम में तपस्या में रत हैं.
विश्व के कल्याण के लिए उदयपुर जिले के झाड़ोल तहसील में महाराज तुलसिगिरी जी बैठे तपस्या में. pic.twitter.com/gmnHr31FgD
— vipin solanki (@vipins_abp) April 22, 2023
रोजाना तीन घंटे चलती है तपस्या, जनवरी से रहा हुआ है मौन
संत की सेवा में लगे हुए पंडित गोविंद शास्त्री ने बताया कि जगत कल्याण, जीव रक्षा, सनातन संस्कृति को सतत जारी रखने, विश्व ने बढ़ते ताप को कम करने के लिए महाराज द्वारा सत्तागनी धूणा तप चल रहा है. यह तप दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक रोजाना चलता है जो 41 दिन तक चलेगा. यही नहीं महाराज ने जनवरी से ही मौन व्रत भी रखा हुआ है जो इस तपस्या के बाद ही खोला जाएगा.
इसके बाद तीन दिन विशेष कार्यक्रम किए जाएंगे. तपस्या करते महाराज के दर्शन करने के लिए कई भक्त आ रहे हैं. तपस्या के दौरान उनके चारों तरफ सात अग्नि कुंड जलाकर उसमें विभिन्न औषधियों की आहुतियां भी दी जाती हैं.
सुबह 4.30 बजे से ही शुरू हो जाती है आराधना
पंडित गोविंद शास्त्री ने बताया कि महाराज सुबह 4.30 बजे उठते हैं और उसके बाद से ही पूजा, पाठ, हवन शुरू हो जाते हैं. इसके बाद वह तपस्या पर बैठते हैं. तपस्या लगातार सवा महीने तक चलेगी. साथ ही अखंड रामायण सहित अन्य कई अनुष्ठान भी होंगे.
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