Sardar Vallabhbhai Patel: ...तो आज पाकिस्तान में होता जोधपुर! जानिए कैसे सरदार पटेल ने राजस्थान की 22 रियासतों को किया था एक
लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की आज 72वीं पुण्यतिथि मनाई जा रही है. दरअसल, देश के पहले गृह मंत्री ने राजस्थान के 22 रियासतों को एक कराया था. उनका 15 दिसंबर 1950 को मुंबई में निधन हो गया था.
Rajasthan News: देश के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की भारत के लौह पुरुष के रूप में पहचाने जाते हैं. अंग्रेजों से देश को मिली आजादी के समय देश के एकीकरण जैसी महत्वपूर्ण काम को अंजाम देने के लिए उन्हें जाना जाता है. आजादी के समय भारत-पाकिस्तान के बंटवारे की प्रक्रिया को सुचारू रूप से करने और उस समय देशभर में चल रहे, हिंदू-मुसलमानों के दंगों से निपटने में उनका योगदान बहुत ही महत्वपूर्ण रहा था. आज सरदार वल्लभ भाई पटेल की 72वीं पुण्यतिथि मनाई जा रही है. उनका 15 दिसंबर 1950 को मुंबई में निधन हो गया था. उन्होंने पूरे राष्ट्र को एकता के सूत्र में पिरोने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
कैसे है राजस्थान कनेक्शन
लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल का राजस्थान को लेकर भी महत्वपूर्ण योगदान रहा था. आजादी के बाद विभाजन के दौरान एक वक्त ऐसा भी आया था कि जब आधा राजस्थान पाकिस्तान में जाने की तैयारी कर रहा था. अगर ऐसा होता तो आज राजस्थान का नक्शा कुछ और ही होता. आजादी से पहले अंग्रेजों के जमाने में राजस्थान कुल 22 रियासतों में बटा हुआ था. यह सभी रियासतें राजाओं के अधीन थे. देश का विभाजन हुआ तो पाकिस्तान अलग देश बना, उस दौरान देश के प्रथम गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल को रियासतों के एकीकरण की जिम्मेदारी दी गई थी.
चलाई थी मुहिम
साल 1947 में भारत से अंग्रेज जा चुके थे. उस समय राजस्थान 22 देशी-रियासतों में बंटा हुआ था. 18 मार्च 1948 से सरदार वल्लभभाई पटेल और वीके मेनन ने राजस्थान की सभी 22 रियासतों को भारत में मिलाने की कोशिश शुरू की. सभी रियासतों को शामिल करने के लिए एक मुहिम चलाई गई. यह मुहिम 1956 तक चली और सभी रियासतों का एकीकरण कर राजस्थान बनाया गया. जोधपुर रियासत पाकिस्तान में जाने की तैयारी कर रहा था. सरदार वल्लभभाई पटेल ने अहम भूमिका निभाते हुए. जोधपुर रियासत को भारत में शामिल किया.
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