Rajasthan Politics News: राजस्थान (Rajasthan) में उपनेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया (Satish Poonia) को एक बार फिर बीजेपी केंद्रीय नेतृत्व ने बड़ी जिम्मेदारी दी है. इसके कई मायने और संकेत समझे जा रहे हैं. जब सतीश पूनिया को बीजेपी अध्यक्ष के पद से हटना पड़ा था तब भी कई कयास लगाए जा रहे थे. केंद्रीय नेतृत्व के दबाव में उन्हें कुछ दिन के अंदर उपनेता प्रतिपक्ष बनाया गया था. सतीश पूनिया कई बार कह चुके हैं 'मैं पार्टी का अनुशासित सिपाही हूं जो जिम्मेदारी मिलेगी उसे निभाने के लिए तैयार हूं.' पार्टी भी ऐसे नेताओं को अहम भूमिका में रख रही है.
राजस्थान में अध्यक्ष बनने से पहले सतीश पूनिया के पास बीजेपी के संगठन का बड़ा अनुभव है. उसे देखते हुए उन्हें कर्नाटक में होने वाले विधानसभा चुनाव में बड़ी जिम्मेदारी दी गई है. जानकारी के अनुसार कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के दौरान पूनियां कुल 20-21 दिन रहेंगे. अभी उन्हें पहले फेज में बेंगलुरु की ग्रामीण विधानसभा की सीटों पर चुनाव प्रचार और चुनाव प्रबंधन की जिम्मेदारी मिली है. उसके बाद दूसरे फेज में कई और विधानसभा सीटों पर उन्हें इसी कार्य को करना है. इसे एक बड़ी जिम्मेदारी मानी जा रही है.
किसान बाहुल्य इलाके में प्रचार करेंगे पूनिया
दरअसल, राजस्थान में जब बीजेपी अध्यक्ष पद पर बदलाव हुआ तब कांग्रेस के विधायक और मुख्य उप सचेतक महेंद्र चौधरी ने एक वीडियो जारी कर कहा था कि पूनिया के बदलाव से राजस्थान का 70 प्रतिशत किसान नाराज हैं. ऐसे में पूनिया को बीजेपी ने उपनेता प्रतिपक्ष बना दिया. अब फिर कर्नाटक में ओबीसी और किसान बाहुल्य सीटों पर पूनिया को चुनाव प्रचार में उतारा गया है. इसलिए पूनिया लगभग 20-21 दिन कर्नाटक के किसान-ओबीसी बाहुल्य वाली सीटों और प्रवासी राजस्थानीय बाहुल्य सीटों पर चुनाव प्रचार और चुनाव प्रबंधन का जिम्मा संभालेंगे. बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने एक बार फिर सतीश पूनिया पर बड़ा भरोसा दिखाया है. इसके पहले सतीश पूनियां गुजरात, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और पंजाब विधानसभा चुनावों में भी चुनाव प्रचार कर चुके हैं. इस बार भी बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा और राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) बी.एल संतोष के नेतृत्व में काम दिया गया है.
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