Satish Poonia Targets Ashok Gehlot Government: राजस्थान विधानसभा में पहली बार उपनेता प्रतिपक्ष बने डॉ. सतीश पूनियां (Satish Poonia) ने अशोक गहलोत सरकार पर जोरदार हमला बोला है. उन्होंने राज्य की कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं. सतीश पूनियां ने विधानसभा में कांग्रेस सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुये कहा कि यह यक्ष प्रश्न कानून व्यवस्था के तौर पर राजस्थान के जनमानस के सामने खड़ा है. पूरी दुनिया में राजस्थान शर्मसार हुआ है. राजस्थान में अपराध के आंकड़ों की शुरुआत करें तो 10 लाख 92 हजार मुकदमे रजिस्टर हुए हैं. पौने पांच साल में ऐसा राजस्थान की धरा पर पहली बार हुआ है.
राजस्थान में अपराधों की फेहरिस्त इतनी लंबी है. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) इस बात की पुष्टि करता है कि औसतन हर दिन 17 रेप केसेस और 7 हत्याएं हो रही हैं. सतीश पूनियां का कहना है कि यह राजस्थान की कांग्रेस सरकार की कानून व्यवस्था का आलम है.
'महिलाओं पर बढ़ा हमला'
सतीश पूनियां ने आगे कहा कि राजस्थान में 10 साल से कम उम्र की बच्चियों के साथ दुष्कर्म की घटनाएं, यह देश में एक नंबर पर हैं. 848 दस साल से कम उम्र की बच्चियों के साथ रेप की वारदातें होती हैं. कोई भी लोककल्याणकारी सरकार अपनी जनता के लिये, प्रजा के लिये सुरक्षा का भरोसा देती है, लेकिन दृश्य देखिये कि किस तरीके से एक शिक्षिका को जमवारामगढ़ में जिंदा जला दिया जाता है. एक वृद्धा के चांदी के कड़े उसका पैर काटकर ले लिए जाते हैं. जोधपुर की घटना पुरानी नहीं है, 16 जुलाई की घटना है. करौली जिले में युवती के साथ दुष्कर्म किया, गोली मारी, एसिड डालकर और उसके बाद उसे टुकड़े-टुकड़े करके डाल दिया गया.
सरकार पर तुष्टीकरण का लगाया आरोप
सतीश पूनियां ने कहा कि जब सरकार भेदभाव करने लग जाये तो मुझे लगता है कि राजस्थान और हिन्दुस्तान के इतिहास में कांग्रेस की यह सरकार तुष्टिकरण के मामले में भी एक नंबर पर हमेशा लिखी जाएगी. क्या कारण था कि रामनवमी, हिन्दू नववर्ष पर जुलूस पर प्रतिबंध लगते हैं और पीएफआई को हिजाब के मामले में यही सरकार तुष्टीकरण कर रैली की इजाजत देती है. ऐसी सरकार जिस पर कानून व्यवस्था नहीं संभल रही. ना आदमी घर में सुरक्षित है, ना सड़क पर सुरक्षित, ना अस्पताल में सुरक्षित, ना स्कूल में सुरक्षित.
सतीश पूनियां का कहना था कि उन्हें लगता है कि यह सही कहा किसी ने कि कांग्रेस सरकार ने अपने आपको भगवान भरोसे छोड़ दिया है. प्रदेश की जनता की सुरक्षा के बजाय सरकार को अपनी कुर्सी की सुरक्षा की फिक्र ज्यादा है.
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