Rajasthan Assembly Elections 2023: उदयपुर में हनुमान जयंती के एक दिन पहले धारा 144 लागू करने का मामला बढ़ता जा रहा है. इस मामले को लेकर हिन्दू संगठनों का अंदर ही अंदर विरोध तो चल ही रह था कि बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतीश पुनियां ने भी विरोध किया है. यह तक कह दिया कि हनुमान जयंती के एक दिन पहले उदयपुर कलेक्टर द्वारा इस प्रकार का आदेश निकलना उदयपुर ही नहीं पूरे राजस्थान के लोगों की धार्मिक आस्था पर प्रहार है. सतीश पुनियां ने राजस्थान कि बिगड़ती कानून व्यवस्था का दोषी कांग्रेस की सरकार को बताया है. जानिए क्या कहा सतीश पुनिया ने.
सतीश पुनियां ने वीडियो जारी कर यह कहा
राजस्थान की सरकार का एक बार फिर तुगलकी फरमान आया है और तुष्टिकरण का चेहरा एक बार फिर उजागर हुआ है. उदयपुर के कलेक्टर (ताराचंद मीणा) ने 5 अप्रैल से 2 माह के लिए धारा 144 लागू की है. साथ ही यह कहा है कि धार्मिक ध्वज, झंडे, प्रतीक चिह्न किसी सार्वजनिक और निजी स्थान पर नहीं लगाए जा सकते. यह तुष्टिकरण का वह नमूना है कि कानून की विफलता के लिए इस तरह के रास्ते गढ़े जाते हैं.
सतीश पूनियां ने कहा, 'मुझे लगता है कि राजस्थान में एक के बाद एक कानून की स्थिति बिगड़ी, जिसके पीछे कांग्रेस की सरकार, खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दोषी हैं. लगातार राजस्थान अपराध की राजधानी बना, कानून व्यवस्था ध्वष्ट हुई लेकिन आस्था पर हमला करना यह कांग्रेस पार्टी के लिए मखौल हो गया है. हनुमान जयंती के एक दिन पहले इस तरह का आदेश निकलना, यह उदयपुर ही नहीं राजस्थान की तमाम लोगों की धार्मिक आस्था पर सीधा-सीधा हमला है. इसकी जिम्मेदार कांग्रेस सरकार है. मुझे लगता है सरकार की तुष्टिकरण की फितरत बन चुकी है.'
कलेक्टर ने यह आदेश जारी किया
कलेक्टर ने आदेश दिया था कि परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए उदयपुर जिले के सम्पूर्ण नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्र में सार्वजनिक सम्पत्तियों यथा-राजकीय भवन, राजकीय उपक्रम, बोर्ड, निगम के भवन, सार्वजनिक सामुदायिक भवन, विश्राम गृह सार्वजनिक पार्क, चौराहे, तिराहे पर निर्मित सर्किल, विद्युत एवं टेलिफोन के खम्भे (पोल) इत्यादि अथवा अन्य व्यक्ति की सम्पत्ति पर बिना सक्षम स्वीकृति, सहमति के धार्मिक प्रतीक चिन्ह युक्त इण्डियां लगाने पर प्रतिबन्ध हेतु निषेधाज्ञा लगाई जाती है.
सभी नागरिकों को इस आदेश की पालना करने एवं अवेहलना नहीं करने के निर्देश दिए. अगर कोई व्यक्ति उपर्युक्त प्रतिबन्धात्मक आदेशों का उल्लघन करेगा तो वह भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 के अंतर्गत अभियोजित किया जा सकेगा. यह आदेश 2 माह तक जारी रहेगा.
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