Sanjeevani Scam: सतीश पूनियां का CM गहलोत पर निशाना, बोले- 'खुद ही जांच एजेंसी बन गए हैं...'
Rajasthan News: सतीश पूनियां ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लेकर ट्वीट किया है- 'गहलोत जी जिस तरह से एक केंद्रीय मंत्री पर आरोप लगा रहे हैं, उसे देखकर लगता है कि वे खुद ही जांच एजेंसी बने हुए हैं.'
![Sanjeevani Scam: सतीश पूनियां का CM गहलोत पर निशाना, बोले- 'खुद ही जांच एजेंसी बन गए हैं...' Satish Poonia Targets CM Ashok Gehlot for Accusing Gajendra Singh Shekhawat in Sanjeevani Scam Case Sanjeevani Scam: सतीश पूनियां का CM गहलोत पर निशाना, बोले- 'खुद ही जांच एजेंसी बन गए हैं...'](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/03/09/e495323faab42618291d1e5e9d0207d81678360499870584_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Sanjeevani Scam Case: राजस्थान में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं और इससे पहले संजीवनी घोटाले के मामले ने तूल पकड़ लिया है. इस केस को लेकर राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत और यूनियन मिनिस्टर गजेंद्र सिंह शेखावत आमने-सामने हैं. यह मामला अब कोर्ट तक भी पहुंच चुका है. अशोक गहलोत लगातार पीड़ित परिवार के संपर्क में बने हुए हैं. वहीं, विपक्ष इसे चुनाव से पहले की राजनीतिक साजिश बता रहा है.
दरअसल, संजीवनी घोटाले में पीड़ितो परिवारों ने करोड़ों रुपये गंवा दिए थे और अब उनकी आर्थिक स्थिति खराब है. अशोक गहलोत इस मामले में जोधपुर सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत के शामिल भी होने का आरोप लगाते आ रहे हैं. हालांकि, केंद्रीय मंत्री शेखावत ने उन्हें चैलेंज किया है कि अगर ये आरोप सही हैं तो साबित कर के दिखाएं.
सतीश पूनियां ने अशोक गहलोत पर किया हमला
वहीं, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां ने गुरुवार को एक ट्वीट कर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधा है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा, 'गहलोत जी जिस तरह से एक केंद्रीय मंत्री पर आरोप लगा रहे हैं, उसे देखकर लगता है कि वे खुद ही जांच एजेंसी बने हुए हैं. उनका गजेंद्र जी पर आरोप लगाना प्रतिशोध की राजनीति का एक बहुत बड़ा उदाहरण है. जब मर्यादा की पराकाष्ठा होती है तब ही इस तरह के मामले होते हैं.'
जानें क्या है संजीवनी घोटाला
जानकारी के लिए बता दें कि राजस्थान सोसाइटी एक्ट के तहत साल 2008 में संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी को रजिस्टर कराया गया था. इसके बाद साल 2010 में ये सोसाइटी मल्टी स्टेट को-ऑपरेटिव सोसाइटी में तब्दील हो गई. परिवारों को लालच दिया गया कि इससे अच्छा रिटर्न मिलेगा. ऐसे में एक लाख से ज्यादा लोगों ने इसमें करीब 900 करोड़ रुपये इन्वेस्ट कर दिए.
इस पैसे से लोन तो लिया गया, लेकिन ब्याज नहीं चुकाया गया और गलत तरह से लिए गए लोन के जरिए कई राज्यों में ब्रांच खोल दी गई. इसके बाद फर्जी कंपनियां खोलकर लोन भी बांटा गया. घोटाले का मास्टरमाइंड विक्रम सिंह को माना जाता है, तो उस समय मैनेजिंग डायरेक्टर थे. वहीं, यह कहा जाता है कि विक्रम सिंह और गजेंद्र सिंह शेखावत के बीच कनेक्शन है. कुछ समय पहले दोनों की एक फोटो भी वायरल हुई थी.
![IOI](https://cdn.abplive.com/images/IOA-countdown.png)
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![शिवाजी सरकार](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/5635d32963c9cc7c53a3f715fa284487.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)