Rajasthan News: राजस्थान में विधानसभा चुनाव में कुछ ही महीने बाकी हैं. वहीं चुनाव में उतरने से पहले बीजेपी ने प्रदेश के नेतृत्व में बड़ा परिवर्तन किया है. बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने राजस्थान का अध्यक्ष बदलते हुए चित्तौड़गढ़ सांसद सीपी जोशी को बीजेपी का नया प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त कर दिया है. चुनाव से पहले बीजेपी में हुए इस बड़े परिवर्तन ने नए सियासी कयासों और समीकरणों की गणित को जन्म दिया है. इसी के साथ ही पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां की राजस्थान में होने वाले चुनाव में भूमिका को लेकर भी चर्चा जोरों से की जा रही है. इसी बीच गुरुवार को सोशल मीडिया पर सतीश पूनियां ट्रेंड करते रहे.


गुटबाजी को काबू करने का फार्मूला
बीजेपी ने जाट समाज के सतीश पूनियां को हटाकर ब्राह्मण समाज के सीपी जोशी को प्रदेश की कमान सौंपी दी है. राजनीतिक विश्लेषकों का इस पर यह आंकलन है कि प्रदेश बीजेपी में चल रही गुटबाजी को काबू करने का यह फार्मूला माना जा रहा हैं. यह बड़ा बदलाव उसी परिपेक्ष में किया गया है. क्योंकि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फैसले हमेशा ही चौंकाने वाले रहते हैं. बीजेपी का एक आद फैसले को छोड़कर यह इतिहास रहा है कि कभी भी प्रदेश अध्यक्ष मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया है.


सोशल मीडिया पर हुए ट्रेंड
वहीं सतीश पूनियां को प्रदेश अध्यक्ष से हटाए जाने के बाद जाट समाज में नाराजगी भी सामने आ रही है. ट्विटर पर आज प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा के बाद से यह ट्रेंड हो रहा है. #पूनियां_में_क्या_बुराई_थी. राजस्थान में जाट समाज की नाराजगी को कैसे दूर किया जाएगा. इस पर केंद्रीय नेतृत्व का क्या प्लान हैं. उस पर निर्भर करता है, लेकिन इस फैसले के बाद नाराजगी बढ़ रही हैं.


भारतीय जनता पार्टी में सीपी जोशी को प्रदेश अध्यक्ष बनाने की घोषणा के साथ ही राजनीतिक गलियारों में सतीश पूनियां को हटाए जाने के कारण पर भी खुलकर चर्चा होने लगी है. सतीश पूनियां की प्रदेश अध्यक्ष से छुट्टी होने के पीछे राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से उनकी खुली अदावत सबसे बड़ा कारण माना जा रहा है, जिसकी वजह से बीजेपी की कई बार किरकिरी भी हुई है. सतीश पूनियां के बतौर प्रदेश अध्यक्ष के कार्यकाल में बीजेपी में गुटबाजी चरम पर रही थी. सतीश पूनियां पार्टी में चल रही गुटबाजी को खत्म नहीं कर पाए ना ही नाराज नेताओं को संतुष्ट कर पाए. पूनियां ने प्रदेश अध्यक्ष के पद पर रहते हुए अपनी तरफ से काफी कोशिशें की लेकिन वे हर वर्ग को ठीक से जोड़ नहीं पाए.


ब्राह्मण चेहरे पर दांव
इस साल के अंत में राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में विधानसभा के चुनाव होने हैं. तीनों ही राज्यों में ब्राह्मण मतदाताओं को साधना सबसे जरूरी है. तीनों ही राज्य के ब्राह्मण वोटों को साधना के लिए केंद्रीय नेतृत्व ने यह बड़ा फेरबदल किया है. राजस्थान में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी का ब्राह्मण चेहरा बीजेपी के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है.


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