राजस्थान भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के महानिरीक्षक सवाई सिंह गोदारा ने भ्रष्टाचार से जुड़ी कार्रवाइयों को लेकर उदयपुर संभाग के अधिकारियों की बैठक ली. बैठक के उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए भ्रष्टाचार के बारे में कई बाते सामने रखी. सरकार से मिलने वाले परिवादियों की राशि पर उन्होंने कहा की अब तक 70 लाख रुपए दे चुके हैं. आम आदमी भी इसका लाभ उठा सकता है. इसके अलावा भी उन्होंने जनसहयोग के बारे में भी बात रखी.


1 करोड़ में से 70 लाख रुपए दे चुके हैं, परिवादियों को फायदा हुआ

 

रिवॉल्विंग फंड के बारे में एबीपी द्वारा पूछने पीआर उन्होंने बताया की राजस्थान पहला राज्य था जिसने इस फंड की शुरुआत की. सरकार से इसके लिए प्रथम किश्त 1 करोड़ रुपए प्राप्त हुई थी जिसमें से करीब 70 लाख रुपए परिवादियों को दे चुके हैं. यह राशि खत्म होने के बाद सरकार से फिर मांग की जाएगी. इससे परिवादियों को काफी फायदा और राहत मिली है.

 

अब सवाल ये उठता है की आखिर यह रिवॉल्विंग फंड है क्या. दरअसल इस फंड की जरूरत क्यों हुई इसे पॉइंट में समझना होगा. पहला तो यह की कई लोग ऐसे होते हैं जो लोक अधिकारी द्वारा रिश्वत मांगने पर उन्हें ट्रेप करवाना चाहते हैं लेकिन रिश्वत राशि देने में सक्षम नहीं होते हैं. दूसरा यह की अगर वह राशि कही से उधार लेकर एसीबी द्वारा ट्रेप करवा भी देता था तो कानूनी प्रक्रिया के तहत रिश्वत राशि जब्त होती है. और यह राशि जब तक कोर्ट से फैसला नहीं हो जाता तब तक जब्त ही रहती है. ऐसे में परेशानी यह आ रही थी की ट्रेप करवाने के बाद परिवादियों को आर्थिक रूप से परेशान होना पड़ता था.

 

अब यह हुआ : महानिरीक्षक सवाई सिंह गोदारा ने बताया की अब यह हो रहा है कि अगर परिवादी आर्थिक रूप से कमजोर है तो शुरुआत में वह कहीं से पैसों की व्यवस्था कर लोक अधिकारी को ट्रैप करवा सकता है. इसके बाद जितनी भी राशि ट्रेप कार्रवाई में परिवादी की लगी है, वह राशि अनुसंधान होने के बाद एसीबी रिवाल्विंग फंड से परिवादी को दे देती है. फिर जब भी कोर्ट से मामले का फैसला होता है, तो वह राशि सरकार के खाते में पहुंच जाती है. ऐसे में परिवारों को मामला फैसला होने तक इंतजार नहीं करना पड़ता.

 

आप सिर्फ रिश्वत मांगते ऑडियो वीडियो बनाओ, कारवाई करेंगे

मीडिया से बात करते हुए महानिरीक्षक गोदारा ने बताया कि एसीबी की कार्रवाईया बढ़ रही है और इसमें जन सहयोग की भागीदारी बहुत जरूरी है. अगर आपसे कोई रिश्वत मांग रहा है तो आप उसका ऑडियो या वीडियो बनाओ और एसीबी को भेजो. हम उसकी जांच करवाएंगे और इसके बाद लगता है कि वह सही है, तो रिश्वत मांगने वाले के खिलाफ कार्रवाई करेंगे.

उन्होंने यह भी बताया कि सरकार ने यह भी पहल की थी की परिवादियों के जायज काम एसीबी खुद करवाएगी. ऐसे में अब वह हो रहा है. किसी भी परिवादी का ट्रैप  कार्रवाई के बाद में एसीबी खुद आगे रहकर काम करवाती है, जो आरोपी लोक अधिकारी ने अटका रखा था.