Rajasthan News: हिन्दू धर्म में श्रावण मास का अलग ही महत्व होता है. श्रावण के सोमवार को शिवालयों में जलाभिषेक कर बेलपत्र चढ़ाकर श्रद्धालुओं द्वारा पूजा की जाती है. राजस्थान की कांग्रेस सरकार द्वारा श्रावण मास के अलग-अलग सोमवार को प्रदेश के 44 शिव मंदिरों में रुद्राभिषेक कराया जा रहा है. जानकारी के अनुसार उत्तरप्रदेश के 4 मंदिर भी इसी में शामिल जहां सरकार रुद्राभिषेक कराएगी.
भरतपुर के श्मशानेश्वर महादेव पर भी सरकार द्वारा रुद्राभिषेक कराया जायेगा. देवस्थान विभाग के सहायक आयुक्त के.के.खंडेलवाल ने बताया है कि भरतपुर के श्मशानेश्वर महादेव पर भी रुद्राभिषेक 28 अगस्त को सावन के आखिरी सोमवार को कराया जायेगा. सावन में सोमवार के दिन लगभग सभी मंदिरों में इस तरह के अनुष्ठान होते हैं. एक रुद्राभिषेक में एक हजार लीटर और सहस्त्रधारा में करीब 5 हजार लीटर जल चढ़ाया जाता है.
चौदह महादेव मंदिर भी प्रसिद्ध मंदिरों में माना जाता है
जहां रुद्र अष्टाध्यायी का पाठ भी होता है जिसमे करीब 800 मंत्र हैं जो करीब दो घंटे में पढ़े जाते हैं. शहर के चौदह महादेव, राज राजेश्वर, ठंडेश्वर, रंगेश्वर, डालमिया महादेव, अर्द नारीश्वर, चौमुखा महादेव, अग्रेश्वर, तिलकेश्वर सहित भरतपुर के सभी शिवालयों भी कार्यक्रम आयोजित होंगे तथा भक्त पूजा कर
सावन के पहले सोमवार का व्रत रख रहे है.
राजस्थान के भरतपुर जिले में आज श्रावण के पहले सोमवार को पूजा के लिए शिवालयों में भक्त सुबह होते ही पहुंचने लगे व जलाभिषेक कर पूजा-अर्चना की. भरतपुर में प्रसिद्ध प्राचीन चौदह महादेव जी का मंदिर है जो गंगा महारानी मंदिर के पास स्थित है चौदह महादेव मंदिर भी प्रसिद्ध मंदिरों में माना जाता है यहां चौदह शिवलिंग एक साथ विराजमान हैं जितने भी भक्त यहां पूजा करने आते हैं चौदह शिवलिंग की एक साथ पूजा कर शिवलिंग पर दूध और जल बेलपत्र चढ़ाकर पूजा अर्चना करते हैं.
भरतपुर के पंचमुखी हनुमान मंदिर के प्रांगण में स्थित भोले बाबा के मंदिर की स्थापना की गई है. इस मंदिर में अलग-अलग चरों कोनों में नंदी महाराज,गणेश जी पार्वती जी प्रतिमा स्थापित की है तथा बीच में शिव लिंग है जिसपर सभी भक्त दूध,बेलपत्र आदि चढ़ाकर पूजा अर्चना करते हैं.
श्रावण में इस बार 8 होंगे सोमवार
वर्ष 2023 में श्रावण मास में अधिक मास भी पड़ रहा है. इस बार श्रवण मास में 8 सोमवार पड़ेंगे और श्रावण मास सोमवार की पूजा और व्रत 8 सोमवार करने होंगे.
श्रावण मास में पूजा का विशेष महत्व है
पंडित प्रेम शर्मा ने बताया कि मंदिर की मान्यता और आस्था के चलते यूं तो हर दिन श्रद्धालु शिवालयों में पूजा अर्चना कर जलाभिषेक और दुग्धाभिषेक करते हैं लेकिन श्रावण मास में शिवालयों में दर्शन के लिए काफी भीड़ रहती है. पूरे श्रावण मास में श्रद्धालु अपनी मनोकामना पूर्ण करने की इच्छा से मंदिर में जाकर भगवान शिव की आराधना और पूजा करते हैं.