Rajasthan News: अपने मेवाती गीतों से जागरूकता फैला रहे हैं शिक्षक नानकचंद शर्मा, ये गीत हो चुके हैं वायरल
Bharatpur News: नानकचंद शर्मा के पिता गोपाल प्रसाद शर्मा भी शिक्षक थे. उन्हें भी संगीत का शौक था. उन्होंने गांव में रामलीला की शुरुआत की थी. नानक भी भाईचारा बनाने और शिक्षा के प्रति अलख जगा रहे हैं.
Bharatpur News: भरतपुर जिले के मेवात क्षेत्र के रहने वाले सरकारी शिक्षक नानकचंद शर्मा स्कूल की छात्राओं के साथ मेवाती गीत गाकर लोगों को जागरूक कर रहे हैं.वो अनोखे तरीके से मेवाती भाषा में कविता और गीतों के जरिए लोकधुन को तैयार कर छात्राओं के साथ मिलकर गाते हैं. उनके गीत और कविताएं लोगों को काफी पसंद आते हैं. नानक चंद चुनाव में लोगों को वोट डालने के लिए ,कोरोना में कैसे बचाव करना है, सरकार द्वारा राजीव गांधी ग्रामीण खेल प्रतियोगिता और अन्य सरकारी जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए स्कूली छात्राओं के साथ मिलकर गीत को सोशल मीडिया पर वायरल करते हैं. यह लोगों को बहुत पसंद भी आता है. शर्मा का कहना है कि उनका मकसद समाज में फैली कुरूतियों को दूर करना और भाईचारा बढ़ाना है.
कैसे फैलाते हैं जागरूकता
राजस्थान के भरतपुर जिले के मेवात क्षेत्र में पले-पढ़े नानकचंद शर्मा ने भरतपुर से बीए और बीएड की पढ़ाई करने के बाद सरकारी स्कूल में शिक्षक बन गए. उन्होंने मेवात क्षेत्र में अपनी सेवाएं दीं. शर्मा बच्चों को पढ़ाने के साथ-साथ गीत और कविता लिखने का भी शौक है. नानक चंद शर्मा जिस स्कूल में शिक्षक या प्रधानाध्यापक के रूप में रहे हैं, वहां उन्होंने छात्राओं के साथ मिलकर मेवाती भाषा में लोगों क जागरूक करने के गीत तैयार किए. इन गीतों को उन्होंने सोशल मिडिया पर डाला है.ये गीत काफी वायरल भी हुए हैं. राजस्थान के अलवर,भरतपुर जिले के साथ ही हरियाणा का कुछ क्षेत्र मेवात क्षेत्र कहलाता है.वैसे तो मेवात ठगों और ऑनलाइन ठगी के लिए बदनाम है. नानक चंद शर्मा ने मेवात में लड़कियों में शिक्षा के प्रति जागरूकता लाने के लिए कई गीत तैयार किए हैं.
पिता से विरासत में मिला है संगीत
बताया गया है कि नानक चंद शर्मा के पिता गोपाल प्रसाद शर्मा भी एक शिक्षक थे. उन्हें भी संगीत का काफी शौक था. नानक चंद के पिता ने गांव में रामलीला की परंपरा शुरू की थी. नानक उसी तरह से क्षेत्र में भाईचारा बनाने और पढ़ाई के प्रति अलख जगाने का काम करते हैं. वर्ष 2018 में नानक चंद शर्मा ने पिपरौली के सरकारी स्कूल में दो छात्राओं शबाना और मुस्कान के साथ मेवाती भाषा में गीत 'बूथ पै मै अकेली चली जाऊंगी' गाया था.यह बहुत लोकप्रिय हुआ था. इस गीत को नानक चंद शर्मा में लोगों को मतदाता शिक्षा की पहल के लिए लिखा था और शबाना और मुस्कान ने गाया था.
कई बार हो चुके हैं सम्मानित
वर्ष 2020 में कोरोना महामारी के दौरान भी नानक चंद ने गीत बनाया था. इस गीत के बोल थे 'बता दे माई सांची-सांची बैरी कोरोना सु कैसे पड़े पार' इस गीत को पीपलखेड़ा स्कूल की छात्रा शमा और राखी तथा पिपरौली स्कूल की छात्रा मुस्कान और शबाना गाया था.यह गाना भी काफी लोकप्रिय हुआ था.राजस्थान में अभी पिछले साल शुरू हुए राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक खेलों के लिए भी नानक चंद शर्मा ने गीत लिखा था. इसे उनके स्कूल की छात्रा राखी यादव और शमा यादव ने गाया था. इसके बाद राजस्थान के सूचना और जनसंपर्क विभाग ने इन गीतों के माध्यम से राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक खेलों का प्रचार-प्रसार किया था.26 जनवरी 2023 को जिला स्तरीय गणतंत्र दिवस समारोह में नानक चंद शर्मा और जिन छात्राओं ने गीत गाया था, उन्हें कैबिनेट मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने सम्मानित किया था.
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